30 दिसंबर 2025,

मंगलवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

आवासीय क्षेत्र में गत्ता फैक्ट्री उगल रही प्रदूषण का धुंआ

भीलवाड़ा का मास्टर प्लान और नगर नियोजन की मौजूदा तस्वीर अभी जुदा-जुदा है। आवासीय क्षेत्र में व्यवसायिक गतिविधियां संचालित नहीं होने के मास्टर प्लान में लिए प्रस्ताव अभी कोसो दूर नजर आ रहे है।

2 min read
Google source verification

भीलवाड़ा का मास्टर प्लान और नगर नियोजन की मौजूदा तस्वीर अभी जुदा-जुदा है। आवासीय क्षेत्र में व्यवसायिक गतिविधियां संचालित नहीं होने के मास्टर प्लान में लिए प्रस्ताव अभी कोसो दूर नजर आ रहे है। नगर निकाय की अनदेखी का ही नतीजा है कि भीलवाड़ा शहर की पुरानी आवासीय कॉलोनी मलाण में एक गत्ता फैक्ट्री प्रदूषण का धुआं उगल रही है, नतीजतन क्षेत्र के लोगों की सांसे हांफने लगी है, वहींं फैक्ट्री से बढ़ते अतिक्रमण ने बस्ती की मुख्य राह भी बंद कर दी है। क्षेत्र के लोगों के सुगम पोर्टल पर शिकायतें दर्ज कराने और जिला प्रशासन से अपनी पीड़ा अवगत कराने के बावजूद उन्हें प्रदूषण से मुक्ति नहीं मिल सकी है।

किराणे की दुकान में चोरी करने के बाद आग लगाई

बारह वर्ष बाद मास्टर प्लान आया, लेकिन राहत की खबर नए प्लान के जरिए नहीं मिल सकी। इसके विपरीत हालात और बिगड़ते जा रहे है। उम्मीद थी कि मास्टर प्लान लागू होने से वर्षों पुरानी समस्याओं से निजात तो मिल जाएगी, लेकिन एेसा कुछ नहीं हो सका। एेसी ही विडम्बना शहर की वर्षों पुरानी आवासीय कॉलोनी मलाण जो कि अब सुभाषनगर के नाम से जानी जाती है, यहां के बाशिन्दे झेलने को मजबूर है।

किसान को नकली नोट थमाने का आरोप, बैंक में हंगामा

नाम बदल गया, लेकिन फैक्ट्री नहीं हटी

अजमेर रोड स्थित मलाण के हैंडपम्प चौराहा क्षेत्र में तीन दशक पूर्व हीरे तराशने का कारखाना था, लेकिन ये कारखाना बंद हो कर अब हीरा फैक्ट्री के नाम की ही पहचान छोड़ गया। पन्द्रह वर्ष पूर्व इसी फैक्ट्री का स्वरूप संचालकों ने बदलते हुए इसे गत्ता फैक्ट्री में तब्दील कर दिया। घनी आबादी क्षेत्र के मध्य स्थित ये फैक्ट्री अब आबादी के और गहराने से परेशानी का सबब बन गई है। क्षेत्र के लोग इस फैक्ट्री को हटाने के लिए लामबृद्ध हो कर धरना व प्रदर्शन भी कलक्ट्रेट पर कर चुके है, इसके बावजूद ये फैक्ट्री नहीं हट सकी और प्रदूषण का जहर उगलते हुए लोगों के स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़ कर रही है।

रद्दी को गलाते रसायन हो रहे खतरनाक

सागरसिंह राव बताते है कि कॉलोनी के मध्य ये फैक्ट्री करीब पांच बीघा क्षेत्र में फैली हुई है। यहां शहर एवं प्रदेश के विभिन्न हिस्सों से मंगवाई जा रही कागजों की रद्दी को एकत्रित कर गलाया जाता है। लुगद्दी बनाने के लिए खतरनाक रसायन का उपयोग किया जाता है। इसके उपयोग से क्षेत्र में बदबूं फैली रहती है, वही रद्दी के गलने के बाद उठते धुएं व फैलते कीटाणू से भी स्वास्थ्य को खतरा रहता है। इस फैक्ट्री को हटाने के लिए क्षेत्र के लोग लम्बे समय से प्रयासरत है। गत वर्ष लागू मास्टर प्लान में नए प्रावधानों से भी प्रशासन को अवगत कराया गया, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हो सकी।

ये भी पढ़ें

image