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ठिठुरन से घटी ट्रेनों की गति, पटरी पर मंडराया खतरा

ठिठुरते मौसम से आम जन नहीं ट्रेनों को सरपट दौड़ाने वाली पटरी भी ठिठुरने लगी है

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ठिठुरते मौसम से आम जन नहीं ट्रेनों को सरपट दौड़ाने वाली पटरी भी ठिठुरने लगी है। ये ठिठुरन कही पटरी को सिकुड़ नहीं दे और हादसे का सबब नहीं बन जाए, इसके लिए रेलवे ने एक्सप्रेस ट्रेनों के पहियों पर कई हिस्सों में ब्रेक लगा दिए है।

भीलवाड़ा।

ठिठुरते मौसम से आम जन नहीं ट्रेनों को सरपट दौड़ाने वाली पटरी भी ठिठुरने लगी है। ये ठिठुरन कही पटरी को सिकुड़ नहीं दे और हादसे का सबब नहीं बन जाए, इसके लिए रेलवे ने एक्सप्रेस ट्रेनों के पहियों पर कई हिस्सों में ब्रेक लगा दिए है। यही कारण है कि कई ट्रेने अभी अपने निर्धारित समय से देरी से स्टेशनों पर पहुंच रही है और इसका खामियाजा यात्रियों व उनके परिजनों को भुगतना पड़ रहा है। इसमें जयपुर-उदयपुर इंटरसिटी एक्सप्रेस तो निर्धारित समय से रोजाना एक घंटे से अधिक देरी से स्टेशन पर पहुंच रही है।

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तीखी सर्दी से आम जन ही परेशान नहीं है, वरन् रेलवे कर्मियों की भी सर्दी ने रातों की नींद उड़ा रखी है। सर्दी में पटरियों के सिकुडऩे से उनमें लगा ज्वाइंट खुलने का खतरा रहता है। इन दिनों तेज सर्दी से ज्वाइंट में फेक्चर आने की संभावना कहीं अधिक बढ़ जाती है। इसी कारण भीलवाड़ा खंड में रेलवे की विशेष टीमें लगातार गश्त कर रही है। जबकि जयपुर-अजमेर खंड में सर्द मौसम को देखते हुए कई ट्रेनों की आवाजाही के दौरान उनकी स्पीड को तय गति से कम रखा जा रहा है। इससे कई ट्रेनें निर्धारित समय में गंतव्य स्टेशनों पर नहीं पहुंच पा रही है।

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जयपुरउदयपुर ? इंटरसिटी ट्रेन के भीलवाड़ा रेलवे स्टेशन पहुंचने के रिकार्ड को खंगाले तो ये ट्रेन 15 दिसम्बर 2017 से लगातार देरी से पहुंच रही है। तीस दिसम्बर को ये ट्रेन दो घंटे 43 मिनट देरी से पहुंची। इसका अभी भी भीलवाड़ा पहुंचने का समय नहीं सुधर पाया है। शनिवार को भी ये ट्रेन निर्धारित समय से 55 मिनट देरी से पहुंची है।

विशेष टीमें कर रही है गश्त

सर्दी में पटरियों के सिकुडऩे से उनमें लगा ज्वाइंट खुलने का खतरा रहता है। इन दिनों तेज सर्दी से ज्वाइंट में फेक्चर आने की संभावना कहीं अधिक बढ़ जाती है। इसी कारण भीलवाड़ा खंड में रेलवे की विशेष टीमें लगातार गश्त कर रही है। जबकि जयपुर-अजमेर खंड में सर्द मौसम को देखते हुए कई ट्रेनों की आवाजाही के दौरान उनकी स्पीड को तय गति से कम रखा जा रहा है।