6 दिसंबर 2025,

शनिवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

डाइट में स्टाफ की कमी दूर: 257 शिक्षा अधिकारियों की पदस्थापन सूची जारी

52 प्राचार्य भी बने प्राध्यापक या एचओडी शिक्षक संगठनों ने किया विरोध, बताया नियमों के विपरीत

2 min read
Google source verification
Staff shortage at DIETs addressed: List of 257 education officers posted released.

Staff shortage at DIETs addressed: List of 257 education officers posted released.

राज्य के जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थानों डाइट में व्याख्याता और अन्य शिक्षण पदों पर चल रहे रिक्तियों को भरने के लिए प्रारंभिक शिक्षा निदेशालय ने बड़ा कदम उठाया है। निदेशालय ने विभिन्न डाइट्स के लिए 257 शिक्षा अधिकारियों की नई पदस्थापन सूची जारी की है। इस सूची में 52 प्राचार्य स्तर के अधिकारी भी शामिल हैं। इन्हें प्राध्यापक या विभागाध्यक्ष के पदों पर नियुक्त किया गया है।

12 तक कार्यग्रहण करने के निर्देश

निदेशक ने इन सभी नव-पदस्थापित अधिकारियों को 12 दिसंबर तक अपने आवंटित डाइट में कार्यग्रहण करने के निर्देश दिए हैं।

अनुभव की शर्त

आदेशों के अनुसार जिन प्राचार्य स्तर के अधिकारियों को एचओडी (विभागाध्यक्ष) लगाया गया है, उन्हें संबंधित अध्यापक शिक्षा संस्थान में कम से कम पांच वर्ष का अनुभव होने पर ही कार्यभार ग्रहण करने को कहा गया है। यह शर्त शिक्षण संस्थानों में गुणवत्ता सुनिश्चित करने के उद्देश्य से रखी गई है।

ऑनलाइन आवेदन और समिति की अनुशंसा पर नियुक्ति

डाइट्स में रिक्त पदों पर नियुक्ति के लिए शिक्षा विभाग ने अप्रेल 2025 में शाला दर्पण पोर्टल के माध्यम से इच्छुक शिक्षा अधिकारियों से ऑनलाइन आवेदन आमंत्रित किए थे। प्राप्त आवेदनों पर एक पैनल तैयार किया गया। इसके बाद सरकार की ओर से गठित समिति ने अपनी अनुशंसा निदेशालय को भेजी। इसी अनुशंसा के अनुमोदन के बाद प्रारंभिक शिक्षा निदेशालय ने यह पदस्थापन आदेश जारी किए हैं।

प्राचार्यों को प्राध्यापक बनाने का विरोध

निदेशालय के इस निर्णय का शिक्षक संगठनों ने कड़ा विरोध किया है। शिक्षक संघ प्रगतिशील ने विशेष रूप से प्राचार्य स्तर के अधिकारियों को प्राध्यापक पदों पर लगाने के फैसले को अनुचित ठहराया है।

शिक्षक संघ की आपत्ति

संघ के प्रदेशाध्यक्ष नीरज शर्मा ने कहा कि यह पदस्थापन वित्त एवं सेवा नियमों के विपरीत है। उन्होंने आरोप लगाया कि यह निर्णय प्राध्यापक पदों के लिए पात्र शिक्षकों के अधिकारों का हनन है। संघ ने निदेशक को पत्र लिखकर अपना विरोध दर्ज कराया है और मांग की है कि प्राचार्यों के स्थान पर योग्य प्राध्यापकों/व्याख्याताओं को ही इन रिक्त पदों पर लगाया जाए। डाइट में इन नियुक्तियों से प्रशिक्षण कार्यक्रमों की गुणवत्ता में सुधार आने की उम्मीद है, हालांकि शिक्षक संगठनों के विरोध के चलते यह मामला आगे भी चर्चा में बना रह सकता है।