
पति-पत्नी दोनों अब 12 साल बाद साथ मेें स्कूली शिक्षा ले रहे हैं।
भीलवाड़ा।
गांव में उच्च शिक्षा का बंदोबस्त नहीं होने के कारण 8वीं पास पत्नी आगे नहीं पढ़ पाई थी, जिसका उसे मलाल था। पति भी पढऩे में कमजोर था और काम धंधे में लग गया लेकिनपढ़ाई की अहमियत समझ में आई तो पति ने फिर पढ़ाई शुरू की। यह देख पत्नी ने भी 12 साल पहले छूटी अपनी पढ़ाई करने की मंशा जताई। पति की मदद से अब पत्नी ने फिर पढ़ाई शुरू की। पति-पत्नी दोनों अब साथ स्कूली शिक्षा ले रहे हैं।
गोरख्या गांव की लक्ष्मी सेन (27 ) ने सत्र 2005 में कक्षा 8वीं पास की पर गांव में माध्यमिक विद्यालय नहीं होने के कारण पढ़ाई छोडऩी पड़ी। पारिवार की आर्थिक स्थिति भी एेसी नहीं थी कि 10 किमी दूर जाटान निम्बाहेड़ा में पढ़ सके। चार बहनों में सबसे छोटी लक्ष्मी की वर्ष 2009 में बोराणा के मुकेश सेन से शादी हो गई। मुकेश भी वर्ष 2001 में 10वीं में फेल होने के कारण पढ़ाई छोड़ पिताजी के काम में हाथ बंटाने लग गया था। काम धंधे के चक्कर में मुकेश पत्नी लक्ष्मी के साथ वर्ष 2012 में भीलवाड़ा के काशीपुरी में रहने आया।
पेशे से क्षोरकार मुकेश ने 2016 में राजस्थान स्टेट ओपन बोर्ड से 10वीं पास की। मुकेश ने ओपन बोर्ड से वर्ष 2017-18 में 12वीं में दाखिला लिया तो लक्ष्मी ने भी 10वीं की पढ़ाई की इच्छा जता दी। पति ने लक्ष्मी का इस वर्ष स्टेट ओपन से 10वीं में रजिस्ट्रेशन कराया। दंपती स्टेट ओपन के राजेंद्र मार्ग स्कूल में व्यक्तिगत संपर्क शिविर में आ रहे हैं। लक्ष्मी जनप्रतिनिधि बनना चाहती है। अपनी सफलता का श्रेय लक्ष्मी ने पति मुकेश सेन और अध्यापक वीरेंद्र शर्मा को दिया है।
जनप्रतिनिधि बनने की चाहत में पढ़ाई
राजस्थान स्टेट ओपन बोर्ड का व्यक्तिगत संपर्क शिविर 25 दिसंबर से शुरू हुआ। यह शिविर 8 जनवरी तक चलेगा। इसमें बोर्ड की ओर से सत्र 2017-18 में कक्षा 10 व 12वीं के विद्यार्थी अध्ययन करने पहुंचे। शिविर शहर में राउमावि राजेंद्र मार्ग, राउमावि प्रतापनगर, राउमावि सुभाषनगर व सेमुमा राबाउमावि के साथ ही सभी उपखंड मुख्यालयों पर भी शिविर हो रहे हैं।
ओपन बोर्ड प्रभारी रमाकांत तिवाड़ी व सह प्रभारी रतनलाल सुथार ने बताया कि इसमें किसी से पढ़ाई छोड़ चुके लोगों के अलावा पहले कमजोर इच्छा शक्ति के चलते अध्ययन से दूर हो चुके लोग पढ़ाई की अहमियत जानने के बाद फिर से पढऩे आए हैं। साथ ही कई ऐसे लोग भी हैं, जो बचपन में कमजोर होने के कारण पढ़ाई छोड़ चुके हैं लेकिन अब आगे बढऩे के लिए पढऩा चाहते हैं। साथ ही शिविर में कई ऐसे उम्रदराज शख्स भी आए हैं, जिनकी मंशा राजनीति में जाने की है। इसके लिए वे न्यूनतम पढ़ाई की शर्त पूरा करने यहां आए हैं।
Published on:
08 Jan 2018 12:24 pm
बड़ी खबरें
View Allभीलवाड़ा
राजस्थान न्यूज़
ट्रेंडिंग
