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औचक निरीक्षण: 15 स्कूल भवन जर्जर मिले, शौचालय बदहाल

न्यायालय के आदेश पर 38 विद्यालयों का निरीक्षण

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Surprise inspection: 15 school buildings found dilapidated, toilets in bad condition

Surprise inspection: 15 school buildings found dilapidated, toilets in bad condition

राजस्थान उच्च न्यायालय के निर्देश पर जिला विधिक सेवा प्राधिकरण की ओर से जिले के 38 विद्यालयों का औचक निरीक्षण किया गया। निरीक्षण में लगभग सभी स्कूलों की स्थिति असंतोषजनक पाई गई। कहीं भवन जर्जर मिले, तो कहीं शौचालय उपयोग लायक ही नहीं थे। कई जगहों पर विद्यार्थियों की संख्या ज्यादा और अध्यापक केवल एक ही मिला।

15 विद्यालय पूर्णतया जर्जर

निरीक्षण दल का नेतृत्व जिला विधिक सेवा प्राधिकरण भीलवाड़ा के सचिव (अपर जिला न्यायाधीश) विशाल भार्गव ने किया। निरीक्षण के दौरान 15 विद्यालय पूरी तरह जर्जर पाए गए। अधिकांश भवनों में सीलन और बरसात के समय छत टपकने की शिकायतें मिलीं। कुछ स्कूल सड़क से नीचे होने के कारण बरसात का पानी भरने की समस्या से जूझ रहे हैं।

शौचालयों की बदहाली, सफाई का अभाव

निरीक्षण में अधिकांश विद्यालयों के शौचालय जर्जर या अनुपयोगी मिले। जहां शौचालय बने हुए थे, वहां उनकी सफाई नहीं की गई थी। कई विद्यालयों में भोजन बनाने की जगह भी सही नहीं पाई गई।

टीचर एक, पढ़ाई कई कक्षाओं की

प्राथमिक और उच्च प्राथमिक स्तर पर शिक्षक-छात्र अनुपात संतुलित नहीं है। कई स्कूलों में 2-3 कक्षाएं, कहीं 4-4 कक्षाएं एक ही शिक्षक द्वारा एक साथ पढ़ाई जा रही थीं। छोटे कक्षों में क्षमता से अधिक विद्यार्थी बैठाए गए, जिससे बच्चों के सर्वांगीण विकास पर असर पड़ रहा है।

निरीक्षण में सामने आई तस्वीर

राप्रावि जनता कॉलोनी रायला में दो कमरे व ऑफिस जर्जर, विद्यार्थियों को पास के स्कूल में बैठाया जा रहा है। राप्रावि लाम्बिया गेट रायला में पांच कमरे व शौचालय जर्जर, विद्यार्थियों को राउमावि कुंडियाकला भेजा गया। महात्मा गांधी राउमावि रायला में 13 कमरे, सभी में पानी टपकता है, दो कमरे पूरी तरह जर्जर और सीलन। राउमावि लेसवा मांडल में 12 कमरों में पानी टपकता है, सात कमरे पूरी तरह जर्जर। इसी तरह सभी 38 विद्यालयों की स्थिति खराब मिली है। अपर जिला न्यायाधीश विशाल भार्गव ने बताया कि न्यायालय के निर्देश पर निरीक्षण रिपोर्ट को भेज दी गई है। यह रिपोर्ट राजस्थान उच्च न्यायालय में पेश की जाएगी।

हाईकोर्ट के आदेश की पालना

राजस्थान उच्च न्यायालय ने निर्देश दिए हैं कि बच्चों को सुरक्षित व स्वच्छ वातावरण मिले। विद्यालय भवनों की तुरंत मरम्मत व सफाई हो। शिक्षक-छात्र अनुपात संतुलित कर गुणवत्तापूर्ण शिक्षा सुनिश्चित की जाए।