
भीलवाड़ा. मानसून में बढ़ रही उमस में कमजोर दिल वालों के हार्ट फैल होने का खतरा बढ़ रहा है। इस उमस से जहां आम आदमी घबरा रहा है वहीं बुुजुर्ग लोग व दिल के मरीज सीने में दर्द व अन्य शिकायतें लेकर अस्पताल पहुंच रहे है। हालात यह हो रहे है कि उमस में लगातार पसीना बहने से युवा भी कमजोरी महसूस कर रहे है। ऐसे में दिल व किडनी के मरीजों में भी खतरा बढ़ सा गया है। हार्ट पपिंग कमजोर होने पर हार्ट फैल का खतरा व किडनी कमजोर वालों को चक्कर आकर गिरने की समस्या हो रही है। पिछले एक पखवाड़े से शहर के निजी अस्पतालों सहित महात्मा गांधी अस्पताल में इस तरह के रोगियों की संख्या में इजाफा हुआ है। डॉक्टर्स के पास अभी हर पांच में से एक मरीज इसी समस्या से त्रस्त होकर पहुंच रहा है। उधर एमजीएच में ऐसे रोगियों को समय पर उपचार देने की आउटडोर व इंडोर में पूरी व्यवस्था की गई है। खाने पीने का पूरा ध्यान रखने की सलाह दी जा रही है। उमस से स्वस्थ व्यक्ति को यह समस्या पसीना ज्यादा बहने से शरीर में इलेक्ट्रोलाइट की कमी हो जाती है, जिससे डिहाइड्रेशन की समस्या हो सकती है।कमजोरी और काम करने की क्षमता प्रभावित होती है।कुछ बैक्टीरिया से बुखार-जुकाम के साथ पेट की तकलीफ भी हो सकती है। दिल व किडनी की बीमारी व धडकऩ जिनकी कम रहती है उनको इस सीजन में घबराहट की समस्या हो सकती है।दिल की पपिंग कम होने से हार्ट फेल होने की समस्या हो सकती है।किडनी से पानी व सॉल्ट बाहर निकालने वाली दवाइयां जिनको चल रही हैं, उनको ज्यादा सावधानी रखने की जरूरत है। इनका कहना है। दिल व किडनी के रोगी सुबह नींद से उठते ही सीधा बिस्तर से जमीन पर न उतरे, इससे चक्कर आ सकते हैं, उठने के बाद कुछ देर बिस्तर पर बैठें और एक या दो मिनट व्यायाम करने के बाद उठें। अपनी दिनचर्या में पानी की मात्रा बढ़ाएं। डॉक्टर से कंसल्ट करकिडनी की दवा की मात्रा कम करवाएं। बीमार व्यक्ति ज्यादा पसीना बहाने से बचें। डॉ. अरुण गौड़, अधीक्षक, एमजीएच
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Published on:
22 Jul 2024 07:14 pm
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