
The industrial world accepted that NPS is the only support for retirement security of employees
राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली (एनपीएस) केवल एक निवेश योजना नहीं, बल्कि कर्मचारियों की सामाजिक और वित्तीय सुरक्षा की मजबूत नींव है। उद्योग जगत को इसे अपनाना चाहिए, ताकि कर्मचारियों का भविष्य सुरक्षित हो और उन्हें सेवानिवृत्ति के बाद आर्थिक सम्बल मिले।
यह बात पेंशन फंड नियामक एवं विकास प्राधिकरण की कार्यकारी निदेशक ममता रोहित ने कही। वह शुक्रवार को फिक्की राजस्थान स्टेट काउंसिल और पीएफआरडीए की ओर से, मेवाड़ चैम्बर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री तथा भीलवाड़ा टेक्सटाइल ट्रेड फेडरेशन के सहयोग से आयोजित नेशनल पेंशन सिस्टम सेमिनार को संबोधित कर रही थीं। एनपीएस की शुरुआत 2004 में हुई थी। यह सुविनियमित, पारदर्शी और कर-कुशल योजना है। विशेषकर औद्योगिक और कॉर्पोरेट सेक्टर के कर्मचारियों के लिए यह योजना रिटायरमेंट के बाद की वित्तीय सुरक्षा सुनिश्चित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है।
सेमिनार में हुई गहन चर्चा
सेमिनार का मुख्य उद्देश्य कर्मचारियों की सेवानिवृत्ति योजनाओं के महत्व और एनपीएस की भूमिका पर प्रकाश डालना था। पीएफआरडीए के उप महाप्रबंधक देवेश मित्तल ने एनपीएस पर प्रेजेंटेशन देते हुए नियोक्ताओं और कर्मचारियों दोनों के लिए इसके लाभ विस्तार से बताए। विकास गुप्ता ने कहा कि यह योजना केवल रिटायरमेंट सुरक्षा ही नहीं, बल्कि दोनों पक्षों के लिए टैक्स सेविंग का बड़ा साधन भी है।
मेवाड़ चैम्बर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री के पूर्व अध्यक्ष जेसी लढ्ढा ने कहा कि भीलवाड़ा देश का बड़ा टेक्सटाइल एवं औद्योगिक केंद्र है। यहां हजारों कर्मचारी कार्यरत हैं और उनकी सेवानिवृत्ति के बाद आर्थिक सुरक्षा सुनिश्चित करना उद्योगों की जिम्मेदारी है। सेमिनार में मेवाड़ चैम्बर के संयुक्त सचिव निर्मल जैन, नितिन स्पिनर्स के सुधीर गर्ग, क्लॉथ मर्चेंट एसोसिएशन के पीआर तोतला, सुरेन्द्र जैन सहित विभिन्न बैंक और उद्योगों से जुड़े प्रतिनिधि मौजूद रहे। मेवाड़ चैम्बर के महासचिव आरके जैन ने भी सम्बोधित किया। भीलवाड़ा टेक्सटाइल ट्रेड फेडरेशन के वरिष्ठ उपाध्यक्ष प्रेम गर्ग ने आभार जताया।
Published on:
22 Aug 2025 11:20 pm
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