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भीलवाड़ा में अलग से डेडिकेडेट अस्पताल की जरुरत नहीं

चिकित्सा मंत्री रघु शर्मा से बातचीत

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There is no need for a separate Dedicated Hospital in Bhilwara

There is no need for a separate Dedicated Hospital in Bhilwara

भीलवाड़ा।
चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग व सूचना एवं जनसम्पर्क विभाग मंत्री व जिले के प्रभारी डॉ. रघु शर्मा ने भीलवाड़ा में लगातार कोरोना संक्रमितों की संख्या बढऩे पर चिन्ता जाहीर करते हुए कहा कि भविष्य की संभावना को देखते हुए अलग से डेडिकेडेट अस्पताल की तैयारी रखने के निर्देश दिए है ताकि जरूरत पडऩे पर तत्काल उसे शुरू किया जा सके। शर्मा रविवार को जिला कलक्ट्रेट सभागार में अधिकारियों की बैठक लेने के बाद संवाददाताओं से बातचीत कर रहे थे। शर्मा ने बताया कि बैठक में सीएमएचओ व पीएमओ ने बताया कि महात्मा गांधी चिकित्सालय में अभी २२५ बैड की व्यवस्था है। चिकित्सा विभाग ने हैल्प डेस्क शुरू की है। यहां दो बैड की व्यवस्था की है ताकि मरीज के आते ही उसे आक्सीजन की सुविधा मिल सके। सीएमएचओ डॉ. मुस्ताक खान व पीएमओ डॉ. अरुण गौड़ ने उन्हें बताया कि अभी उन्हें अलग से कोविड अस्पताल खोलने या बनाने की आवश्यकता नहीं है। ओपीडी और आईपीडी में हर तरह की सुविधा मरीजों को मिल रही है। सर्जरी भी हो रही है। कोरोना से पहले व उसके बाद मरीजो के उपचार में कोई ज्यादा अन्तर नहीं आया है। आवश्यक सर्जरी अस्पताल में ही की जा रही है। फिर भी जिला कलक्टर व चिकित्सा अधिकारियों को लगातार संक्रमितों के केस आने पर अलग से व्यवस्था करने को कहा है। शर्मा ने कहा कि सरकार ने मोबाइल ओपीडी वैन भी चला रखी है। भीलवाड़ा में भी वैन चल रही है। इससे रोगियों को निशुल्क दवा भी दे रहे है।
७०० बैड की व्यवस्था
शर्मा ने बताया कि महात्मा गांधी चिकित्सालय व निजी चिकित्सालय को मिलाकर लगभग ७०० बैड आक्सीजन युक्त की व्यवस्था है। उन्होंने बताया कि शहरी क्षेत्र में ५६३ बैड आरक्षित किए गए है। इनमें २८५ एमजीएच व २७८ निजी चिकित्सालय में है। ऑक्सीजन के ४४७ बैड शहरी क्षेत्र है। इनमें १८० सरकारी व २६७ निजी में है। ग्रामीण क्षेत्र में कुल ३३३ बैड आरक्षित है। इनमें २१९ बैड ऑक्सीजनयुक्त है। हैल्प डेस्क जिला चिकित्सालय, निजी चिकित्सालय, सेटेलाइट चिकित्सालय एवं ब्लॉक स्तरीय सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों पर स्थापना की गई है।
अधिक राशि वसूलने पर होगी कार्रवाई
मुख्य सचेतक डॉ. महेश जोशी ने मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर बताया कि निजी चिकित्सालयों में उपचार के नाम पर चांदी कूटी जा रही है। इस सवाल के जवाब में शर्मा ने कहा कि इस तरह के पत्र के बार में उन्हें जानकारी नहीं है। सरकार की ओर से सीटीस्केन समेत अस्पताल में आने वाले मरीजों के उपचार के लिए निर्धारित शुल्क तय कर दिया है। पूरे देश से सबसे कम कीमत पर कोविड मरीजो को उपचार राजस्थान में हो रहा है। मरीज से निर्धारित शुल्क से अधिक कोई शुल्क लेता है और उसकी शिकायत मिलती है तो निजी चिकित्सालय के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
रूकना चाहिए अवैध खनन
बजरी के अवैध खनन को गंभीरता से लेते हुए शर्मा ने कहा कि कलक्टर व पुलिस अधीक्षक को साफ कहा है कि यह अवैध खनन किसी भी सूरत में रूकना चाहिए। इसे बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। इससे अपराध पनपते है। आने वाले समय में इसमें फर्क नजर आएगा। उन्होंने कहा कि बनास नदी के किनारे के थाने के पुलिस जवान इमानदारी से गश्त करे तो अवैध बजरी पर अकुंश लग सकता है। शर्मा ने बैठक में भी कहा कि बजरी माफियों में खोफ पैदा करें। तभी इस पर अंकुश लग पाएगा। शर्मा ने भीलवाड़ा में जिले में बजरी माफियों के बीच हो रहे झगड़ों व तलवारबाजी की घटना पर भी चिन्ता व्यक्त की है।
पुर के लोगों की समस्या सुनी
पुर अस्पताल की समस्या है। उसका समाधान किया जाएगा। स्कूल की भी समस्या है। मकान को लेकर जो समस्या आ रही है। उसे लेकर कलक्टर व नगर विकास न्यास सचिव को समाधान करने के निर्देश दिए है।