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प्रारंभिक शिक्षा विभाग के तृतीय श्रेणी शिक्षकों के तबादलों को लेकर शिक्षकों ने दिए ऐसे तर्क की अधिकारी भी रह गए दंग

प्रथम सूची के बाद से ही डीईओ कार्यालय में एेसे शिक्षक आ रहे हैं, जो तबादले का विरोध कर रहे हैं

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Transfers of Third grade teachers in bhilwara

Transfers of Third grade teachers in bhilwara


भीलवाड़ा।

प्रारंभिक शिक्षा विभाग के तृतीय श्रेणी शिक्षकों के तबादलों में नेताओं की सिफारिश मनवाने के लिए कई शिक्षकों को प्रशासनिक कारणों का हवाला देकर हटा दिया। उन्हें दूसरी स्कूल में सिर्फ इसलिए भेजा क्योंकि विधायकों व मंत्रियों की ओर से दिए नाम वाले शिक्षकों को वहां भेजना था। प्रथम सूची के बाद से ही डीईओ कार्यालय में एेसे शिक्षक आ रहे हैं, जो तबादले का विरोध कर रहे हैं। उनका कहना है कि वे सालों से गांव में पढ़ा रहे हैं और कोई परेशानी भी नहीं है फिर भी उन्हें बाहर भेज दिया।

इस तबादलों को निरस्त कराने के लिए शिक्षक अलग-अलग तर्क दे रहे हैं। इसमें हमीरगढ़ क्षेत्र के स्कूल की एक शिक्षिका ने लिखा, उसके गांव के पास ही स्कूल में तीन साल से नौकरी कर रही है। अब बेवजह उनका तबादला बनेड़ा स्कूल में कर दिया। अब वे स्कूल कैसे जाएंगी। इसी तरह के तर्क शिक्षकों ने दिए है।

यह तर्क दिए शिक्षकों ने

राबामावि तहनालगेट (शाहपुरा) की शिक्षिका ने डीईओ कार्यालय में आवेदन कर तर्क दिया है कि मेरा 18 वर्षों से परीक्षा परिणाम श्रेष्ठ रहा है। मैंने स्थानांतरण आवेदन नहीं किया था, फिर भी मेरा तबादला कर दिया गया। मेरी 75 वर्षीय सास ब्लड प्रेशर एवं हार्ट रोग से ग्रस्त है। मुझ पर सारे परिवार का जिम्मा है।
राउमावि आरजिया की (सुवाणा) की शिक्षिका का तर्क है कि मैने कोई फार्म नहीं भरा फिर भी मेरा तबादला सहाड़ा के ढोसर स्कूल में कर दिया है। मैं बस, कार अथवा व्हीकल में सफर नहीं कर सकती हूं। इनमें सफर करने से मेरा स्वास्थ्य और ज्यादा खराब हो जाता है।

रामावि धानमंडी (भीलवाड़ा) की शिक्षिका ने परिवेदना में तर्क दिया कि अस्थमा की बीमारी से ग्रसित होने से लंबा चलने में असमर्थ हूं। धूल-मिट्टी से एलर्जी होने से श्वांस लेने में तकलीफ होती है। स्थानांतरण ऑन रोड स्कूल में किया जाए, ताकि चिकित्सीय सेवा समय पर उपलब्ध हो जाए।
एक शिक्षिका ने तर्क दिया कि मेरे बिना आवेदन के सहाड़ा के राउमावि ढोसर में स्थानांतरण हो गया है, जबकि मेरी दोनों आंखों का ऑपरेशन करवा रखा है। मुझे साईटिका की समस्या भी है, अत: मेरा स्थानांतरण भीलवाड़ा शहर के नजदीक समेलिया, भोली, मंडफिया अथवा भोली स्कूल में किया जावें।

करीब 50 शिक्षकों को भेजा

जिले में तृतीय श्रेणी के करीब 50 से ज्यादा शिक्षकों के तबादले सरकार ने प्रशासनिक आधार पर किए है। इन शिक्षकों ने तबादला नहीं मांगा फिर भी उन्हें बाहर भेज दिया। एेसे शिक्षक अब आश्चर्य में है कि बेवजह उनका तबादला क्यों किया गया। अब वे विरोध कर रहे हैं।

डीईओ कार्यालय में आई परिवेदना
अपने तबादले से नाराज शिक्षक अब डीईओ कार्यालय में परिवेदना लेकर आ रहे हैं। इसमें अपने-अपने तर्क बताकर तबादला निरस्त करने की गुहार लगा रहे हैं। डीईओ कार्यालय की ओर से एेसे प्रकरण को निदेशालय में भेजा जा रहा है। ताकि इनकी समस्याओं का समाधान हो सके।

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नेताओं के घर लगा रहे हैं चक्कर

शिक्षकों के तबादला कराने व उनके विरोध के लिए अब नेताओं व जनप्रतिनिधियों के घर चक्कर लगा रहे हैं। इसमें शिक्षक क्षेत्र के विधायक, मंत्रियों से सिफारिश कराकर तबादला कराना चाहते हैं। जिन नेताओं ने पहले सिफारिश की थी उनके तबादले नहीं हुए थे अब वे वापस आवेदन कर रहे हैं।

तबादला सूचि के बाद स्थानांतरित हुए शिक्षक-शिक्षिकाएं कार्यालय में परिवेदनाएं लेकर आ रहे है। इन्होंने परिवेदना में कई तरह के तर्क दिए है, जिन्हें आगे भेजेंगे।

- शंकरलाल माली, एडीईओ माध्यमिक (प्रथम), भीलवाड़ा।