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बिजली की ट्रिपिंग बन रही जलापूर्ति में बाधा, नहीं मिल रहा पर्याप्त पानी

बारिश से लबालब बांध, फिर भी 70 एमएलडी की जगह मिल रहा सिर्फ 50-55 एमएलडी पानी पानी की समस्या बनी जनता की सबसे बड़ी चिंता

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Tripping of electricity is creating hindrance in water supply, not enough water is available

Tripping of electricity is creating hindrance in water supply, not enough water is available

भीलवाड़ा शहर में लगातार हो रही बारिश ने बांधों और जलाशयों को तो लबालब भर दिया है। बावजूद इसके आमजन को पीने का पानी पर्याप्त मात्रा में नहीं मिल पा रहा। जलदाय विभाग के अनुसार, शहर को प्रतिदिन लगभग 70 एमएलडी पानी की जरूरत है, लेकिन बिजली की बार-बार ट्रिपिंग के कारण केवल 50 से 55 एमएलडी ही सप्लाई हो पा रही है। एक बार ट्रिपिंग होने से पुन: पंप को चलाने में कम से कम 1 घंटा लगता है। ऐसे में लोगों को पानी भी नहीं दे पा रहे हैं।

सात बार ट्रिपिंग से दिनभर सप्लाई ठप

शनिवार को ही पम्पिंग स्टेशन पर 7 बार बिजली ट्रिपिंग हुई। हर बार ट्रिपिंग के बाद पम्पिंग स्टेशन बंद हो जाता है। इसके कारण सप्लाई पूरी तरह बाधित रहती है। कई कॉलोनियों में तो सुबह की सप्लाई ही बंद हो गई, वहीं जिन इलाकों में देर शाम पानी मिला, वहां भी पर्याप्त मात्रा में पानी नहीं पहुंचा। यह हालात पिछले कई दिनोें से बने हुए है। कृषि उपज मंडी के पीछे आरके कॉलोनी में पानी भी मात्र 20 से 25 मिनट आ रहा है। वह भी रुक-रुक कर आता है। पहले जहां एक घंटा पानी आता था वह भी कम होकर 20 से 25 रह गया है।

विभागों में तालमेल की कमी

जलदाय विभाग के अधिकारियों का कहना है कि उनके पास पर्याप्त जल स्रोत उपलब्ध हैं, लेकिन पम्पिंग के लिए बिजली की स्थायी आपूर्ति जरूरी है। दूसरी ओर बिजली विभाग के अधिकारी लगातार हो रही ट्रिपिंग का समाधान नहीं निकाल पा रहे। दोनों विभागों के बीच तालमेल की कमी का खामियाजा शहर की जनता को भुगतना पड़ रहा है।

बांधों से छोड़ा जा रहा लाखों गैलन पानी

लगातार बारिश से जिले के अधिकांश बांध अपनी क्षमता से ऊपर भर चुके हैं। सुरक्षा कारणों से कई बांधों के गेट खोलकर लाखों गैलन पानी बाहर छोड़ा जा रहा है। हैरानी की बात है कि जब जल संसाधन प्रचुर मात्रा में मौजूद हैं, तब भी शहर को जरूरत का पूरा पानी नहीं मिल पा रहा।

समाधान की राह तभी संभव

अधिकारियों का मानना है कि पम्पिंग स्टेशनों पर डेडिकेटेड पावर लाइन, बैकअप जनरेटर और समन्वित मॉनिटरिंग सिस्टम लगाए जाने चाहिए। साथ ही विभागीय जवाबदेही तय करनी होगी, तभी जनता को पर्याप्त और नियमित पानी मिल सकेगा।

जनप्रतिनिधि खामोश

शहर के जनप्रतिनिधि इस गंभीर समस्या पर अब तक खामोश हैं। न तो जलदाय विभाग पर कोई दबाव बनाया जा रहा है और न ही बिजली विभाग से ट्रिपिंग रोकने की पहल। जनता का कहना है कि जब तक प्रशासन और नेताओं का संयुक्त प्रयास नहीं होगा, तब तक समस्या का हल निकलना मुश्किल है।

बिजली ट्रिपिंग से बढ़ी समस्या

लगातार बिजली ट्रिपिंग के कारण चंबल पानी नहीं मिल रहा है। एक बार बिजली ट्रिपिंग होने से एक से दो घंटे तक पंप का चलाना मुश्किल हो जाता है। पानी पर्याप्त मात्रा में नहीं मिलने से सप्लाई भी कर रहे है।

धनपत राज सोनी, अधिशाषी अभियंता, जलदाय विभाग