
Two peacocks hunting with toxic grapes in bhilwara
हनुमाननगर।
ऊंचा गांव में तालाब की पाळ के समीप एक खेत में जहरीले दाने के सेवन से दो मोरों की मौत हो गई। बाद में जहाजपुर पशु चिकित्सालय में मेडिकल बोर्ड से पोस्टमार्टम के बाद उन्हें दफना दिया गया। एएसआई भागीरथ सिंह के अनुसार मौके पर मृत मोरों के समीप गेहूं के दाने बिखरे मिले। जो संभवत: जहरीले थे। पुलिस ने मोरों का विसरा लेकर एफएसएल जांच को भिजवा दिया। इस संबन्ध में खेत मालिक ब्रह्मानंद ने पुलिस थाने में अज्ञात लोगों के खिलाफ मामले की रिपोर्ट दी है। पुलिस मामले की जांच कर रही है।
मोरों व 33 पक्षियों की हत्या की प्राथमिकी दर्ज
भीलवाड़ा पीपुल फॉर एनीमल्स ने जिले के माण्डलगढ़ तहसील के खाचरोल में 11 मोर समेत प्रदेश के विभिन्न हिस्सों मेंं दो दर्जन से अधिक मौतों की घटनाओं को लेकर सम्बन्धित थानों में ऑनलाइन एफआईआर दर्ज कराई है। प्रांतीय प्रभारी बाबूलाल जाजू ने बताया कि तीन दिन के दौरान खाचरोल में 11,हनुमाननगर के उंचा में 2,टोंक जिले के निवाई के बिडौली दौलतपुरा में 7 मोर समेत कुल 30 पक्षियों के शिकार की घटना हुई है।
जाजू का आरोप है कि पुलिस और वन विभाग की ढिलाई से शिकारियों के हौसले बुंलंद है। वो प्रतिदिन राष्ट्रीय पक्षी मोरों की हत्या को अंजाम दे रहे हैं। उक्त मोरों की हत्या के बाद पंखों को महंगे दाम पर बेचे रहे है। जाजू ने बताया कि मोर प्रथम अनुसूची का वन्यजीव होकर इसकी हत्या वन्य जीव संरक्षण अधिनियम 1972 के तहत दण्डनीय व गैर जमानती अपराध है। जाजू ने मोरों के हत्यारों के विरूद्ध कड़ी कार्रवाई की मांग करते हुए मामले से वाइल्ड लाइफ क्राइम कन्ट्रोल ब्यूरो नई दिल्ली को मामले से अवगत कराया है।
Published on:
26 May 2018 09:28 pm
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