वहीं भीलवाड़ा जिले के रायला व अरवड़ कस्बे में गुरुवार दोपहर बाद मौसम से अचानक करवट बदली और तेज बारिश शुरू हुई। करीब 20 मिनट हुई तेज बारिश से सड़कों पर पानी बह गया। वहीं गर्मी और उमस से लोगों ने राहत महसूस की।
किसानों के खिले चेहरे
सावन की दूसरी बारिश से किसानों के चेहरे खिले हैं। किसानों को अच्छी बारिश की उम्मीद है। क्षेत्र में गत 8 दिनों से बारिश का दौर थमा था। बारिश ने मुरझाई हुई फसलों को नया जीवनदान दिया है।
अरवड़ कस्बे में दोपहर बाद रिमझिम बारिश से मौसम खुशनुमा हो गया। सावन माह की दूसरी बारिश से बारिश से सड़कों पर पानी बह गया। लोगों ने गर्मी से राहत महसूस की। बारिश से दम तोड़ती फसलों को जीवनदान मिला है।
किसान हुए आधुनिक
समय के साथ किसान भी आधुनिक हो गए है। डिजिटल इंडिया की नई तस्वीर देखिए। अब किसान अपने खेत में कौनसी फसल बोएंगे और कब खाद देनी है। यह सब कुछ घर बैठे मोबाइल पर मिले संदेशों के आधार पर कर रहे हैं। कृषि विभाग ने किसानों के मोबाइल नंबर लिए है। अब वहां से हर फसल के लिए समय-समय पर चेतावनी संदेश जारी कर रहे हैं। इसमें बरसात होते बुवाई से लेकर कब खाद देनी है। कौनसी बीमारी पर क्या करना है यह सलाह दी जा रही है। खास बात है कि यह संदेश किसानों के मोबाइल पर हिंदी में आ रहे हैं। इससे किसानों की राह आसान हो गई है।
समय के साथ किसान भी आधुनिक हो गए है। डिजिटल इंडिया की नई तस्वीर देखिए। अब किसान अपने खेत में कौनसी फसल बोएंगे और कब खाद देनी है। यह सब कुछ घर बैठे मोबाइल पर मिले संदेशों के आधार पर कर रहे हैं। कृषि विभाग ने किसानों के मोबाइल नंबर लिए है। अब वहां से हर फसल के लिए समय-समय पर चेतावनी संदेश जारी कर रहे हैं। इसमें बरसात होते बुवाई से लेकर कब खाद देनी है। कौनसी बीमारी पर क्या करना है यह सलाह दी जा रही है। खास बात है कि यह संदेश किसानों के मोबाइल पर हिंदी में आ रहे हैं। इससे किसानों की राह आसान हो गई है।
किसानों ने बताया कि पहले समय पर कृषि सलाह नहीं मिलने से मनमर्जी से दवा का उपयोग करते थे इससे फसल खराब का डर रहता था। अब कृषि विभाग की सलाह फसलों को जीवनदान मिलने लगा है। मोबाइल के बढ़ते उपयोग व इंटरनेट के उपयोग के कारण यह बदलाव आया है। सुवाणा के बद्रीलाल 25 सालों से खेती कर रहे हैं। अब मोबाइल एप के माध्यम से जानकारी लेते हैं। इससे किसानों की राह आसान हो गई है।