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यह कौनसी चाह जो बाप-बेटे अलग हो गए

locationभीलवाड़ाPublished: Mar 17, 2019 11:32:49 am

Submitted by:

Suresh Jain

– प्रधानमंत्री आवास योजना का दूसरा पहलु- पात्र नहीं, फिर भी किया आवेदन- 66 हजार बेघर थे 2016 में
– 01 लाख और बढ़ गए दो साल में एसे परिवार

Which is it that father and son separated? in bhilwara

Which is it that father and son separated? in bhilwara

भीलवाड़ा ।


सरकारी मकान की चाह में लोग खुद को बेघर बताने से भी नहीं चूक रहे हैं। भले ही पूरा परिवार एक साथ रह रहा हो लेकिन बाप और बेटे कागजों में अलग-अलग दिखाने में जुटे हैं। जिले में वर्ष 2016 में जहां ६६ हजार एेसे परिवार थे, जिनके पास छत नहीं थी। यह संख्या दो साल में डेढ़ गुना (150 फीसदी) बढ़ गई है। यह सब प्रधानमंत्री आवास योजना में मकान पाने के लिए हो रहा है।

जिले की पंचायत समितियों ने में वर्ष 2016 में आवासहीन परिवारों की संख्या 66 हजार थी। दो साल बाद फिर सर्वे किया तो आंकड़ा काफी बढ़ गया, जो जिला परिषद अधिकारियों को हजम नहीं हुआ। उन्होंने इसकी जांच कराई तो कई चौंकाने वाले खुलासे हुए। जो लोग इस आवास योजना के पात्र नहीं है, उन्होंने भी आवेदन किए। हालांकि एेसे आवेदनों पर फिलहाल रोक है। कई परिवार संयुक्त रूप से रहते हैं लेकिन अब राशन कार्ड अलग-अलग बनाकर आवास अलग मांग रहे हैं। राजस्थान पत्रिका की टीम पीएम आवास योजना का सच जानने रायपुर पंचायत समिति पहुंची, जहां भारी अनियमितता मिली। रायपुर में एक विधवा महिला अपने पुत्र व पुत्रवधुओं के साथ रह रही है, फिर भी आवेदन किया है।

जिले का हाल
योजना शुरू होने पर फरवरी 2016 में आवेदन मांगे थे। तब जिले से करीब 66 हजार आवेदन मिले। इनमें 22 हजार को आवास दे भी दिए। अप्रेल 2018 में फिर आवेदन मांगे तो जनप्रतिनिधियों ने उनको भी शामिल करा दिया, जिनके पास पहले से आवास थे। इस दौरान 66038 आवेदन मिले। 23 व 24 फरवरी को हर पंचायत में आमसभा में फिर आवेदन लिए गए तो 36 हजार आवेदन और आ गए। इस तरह दो साल में जिले में आवासहीन परिवारों की तादाद एक लाख और बढ़ गई। जिले में 384 पंचायतें हैं। यानी हर पंचायत में 265 से अधिक परिवार बेघर हैं या पक्का मकान नहीं है।

ग्रामसभा का निर्णय सही
ग्रामसभा में लिया निर्णय सही है। पीएम आवास योजना अच्छी होने से लोगों को छत मिल रही है। किसी ने गलत फायदा उठाया तथा इसकी शिकायत आई तो जांच कराएंगे।
गोपाल राम बिरड़ा, सीईओ जिला परिषद
…………

केस-1
रायपुर की गीता देवी व उसकी पुत्रवधु अनुराधा ने पीएम आवास में आवेदन किया, जिसे स्वीकृति मिल गई।
केस -2
खुद के पक्के मकान में रहने वाली मोहनीदेवी पत्नी मांगीलाल ने पीएम आवास योजना में आवेदन किया है।
केस -3
रायपुर में गीता पत्नी घीसुलाल का पक्का मकान है। मां, बेटा तथा बहू साथ रहते हैं। आवास के लिए आवेदन किया।
केस -4
घीसु पिता चर्तुभुज ने फरवरी में आवेदन किया। यह बात और है कि वह परिवार के साथ पक्के मकान में रह रहा है।
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