30 दिसंबर 2025,

मंगलवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

बिना सम्यक दर्शन तप अधूरा, इच्छाओं का निरोध ही तप-शास्त्री

- आदिनाथ दिगम्बर जैन मंदिर, आर.के. कॉलोनी में धार्मिक अनुष्ठान एवं सांस्कृतिक कार्यक्रम

less than 1 minute read
Google source verification
Without right philosophy, penance is incomplete, restraint of desires is the only penance

Without right philosophy, penance is incomplete, restraint of desires is the only penance

दिगंबर जैन समाज के पर्युषण पर्व पर कई धार्मिक आयोजित किए जा रहे है। सुबह से लेकर शाम तक मंदिरों में धर्म अराधाना व पूजा अर्चना हो रही। आरके कॉलोनी स्थित आदिनाथ दिगम्बर जैन मंदिर में प्रवचन के दौरान बुधवार को पंडित राहुल जैन शास्त्री ने कहा कि इच्छाओं का निरोध करना एवं आत्म स्वरूप में लीन होना तप है। तप के साथ जुड़ा ‘उत्तम’ शब्द सम्यक दर्शन का प्रतीक है। उन्होंने जैन धर्म में उपवास आत्मा की शुद्धि और इच्छाओं के नियंत्रण का प्रतीक माना है।

स्वर्ण मुकुट धारण कर अभिषेक

तरणताल के सामने स्थित आदिनाथ दिगम्बर जैन मंदिर में सुबह सनत कुमार विपुल पाटनी ने अतुल पाटनी के 10 उपवास के उपलक्ष्य में स्वर्ण मुकुट धारण कर प्रथम अभिषेक व 108 रिद्धि मंत्रों से अभिषेक किया। मंदिर ट्रस्ट अध्यक्ष नरेश गोधा ने बताया कि महेन्द्र, विपिन रागांश सेठी ने शांतिनाथ भगवान के श्रीमस्तक पर शांतिधारा की। पवन अनिल सेठी, सनत अजमेरा, ओमचंद बाकलीवाल, विनोद अग्रवाल, राकेश पहाड़िया, विनोद बज, नवीन सेठी, सुरेन्द्र शाह, राजकुमार सेठी ने अन्य प्रतिमाओं पर शांतिधारा की। दिगम्बर जैन महिला महासमिति मैत्री संभाग की ओर से बारह भावना पर आधारित संगीत और नृत्यमय शानदार प्रस्तुति दी गई।