
women Urban Bank case in bhilwara
भीलवाड़ा ।
भीलवाड़ा महिला अरबन को-ऑपरेटिव बैंक से जुड़े खातेदारों को जमा धन को लेकर चिन्ता सताने लगी है। चिन्ता बैंक को अतिरिक्त रजिस्ट्रार अजमेर के बोर्ड को भंग करने का नोटिस देने तथा बैंक के सीईओ के इस्तीफे के बाद सताने लगी है। उधर बैंक में सरकार से नियुक्त नए सीईओ के कार्यभार ग्रहण नहीं करने से स्थिति विकट हो गई है कि वे अब किससे काम ले। बैंकसे जुड़े 25 हजार खाताधारक व 9 हजार शेयर होल्डर भी चिन्तित हैं। हालांकि बैंक के पास 14 करोड़ जमा है।
राजस्थान पत्रिका में दो दिन से महिला बैंक से जुड़े समाचार प्रकाशित होने के बाद महिला खातेदारों को चिन्ता होने लगी है। रविवार को कुछ महिलाओं ने पत्रिका को फोन कर पूछा की बैंक चलेगा या नहीं। उनका धन सुरक्षित है या नहीं? एक महिला तो सोमवार को भीलवाड़ा आ रहे बैंकिंग लोकपाल सीडी श्रीनिवासन एवं प्रमुख बैंकों के वरिष्ठ अधिकारियों के सामने समस्या रखेगी। महिलाओं का कहना है कि बोर्ड को सोमवार को पूरे पांच माह हो जाएंगे। लेकिन तीन एफडी के रूप में जमा साढ़े नौ लाख कब मिलेंगे। बच्चे की शादी भी है। हालांकि महिला ने बताया पहले बैंक ने बीमारी के लिए एक लाख का भुगतान किया है, लेकिन उसके बाद कुछ नहीं दिया है।
आदेशों की अवहेलना
उधर सीईओ लगाए अरविन्द ओझा के कार्यभआर ग्रहण नहीं करने पर अध्यक्ष पायल अग्रवाल ने बताया कि बैंक ने पहले ही ओझा को दो बार पत्र लिख चुकी है। उसके बाद भी वे सरकार के आदेशों की पालना नहीं कर रहे हैं। पत्रिका ने ओझा को फोन किया तो पहले तो वे किसी कार्यक्रम में व्यस्त बताया, लेकिन बाद में किसी राजेन्द्र ओझा ने फोन उठाया व कहा, यह फोन उनके पास है। अरविन्द से सुबह बात होगी। अतिरिक्त रजिस्ट्रार अजमेर जीएल गुप्ता ने कहा वे सोमवार को ओझा से जवाब तलब करेंगे।
जांच भी ठण्डे बस्ते में
बैंक में नए बोर्ड के गठन को पांच माह हो गए। गृह विभाग और एसओजी तथा धारा 57 की जांच कार्रवाई ठंडे बस्ते में होने के कारण बैंक में जमा अपने ही पैसों के लिए तरसते खाताधारकों को आगे उम्मीद नजर नहीं आ रही है। 25 करोड़ का गबन कर बैंक की बदहाली के जिम्मेदार पुराने बोर्ड अध्यक्ष को भी पुलिस तलाशने में नाकाम रही है।
Published on:
21 May 2018 01:49 pm
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