डॉ यादव ने बताया कि टेक्सटाइल उद्योग में कामगारों को प्रशिक्षित करने का कार्य मात्र शैक्षणिक संस्थानों में नही किया जा सकता है। इसके लिए कामगारों को मशीनों पर ही प्रशिक्षित किया जाना आवश्यक है। सरकार ने यह बात समझ कर टेक्सटाइल क्षेत्र के लिए अलग से टेक्सटाल सेक्टर स्किल कॉन्सिल की स्थापना की है। इसके तहत स्पिनिंग, विविंग, प्रोसेसिंग सभी क्षेत्रों में कार्य की आवश्यकता अनुसार 72 तरह के कोर्स विकसित किए है। केन्द्र सरकार ने इसे प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना में भी सम्मिलित किया है। इसके तहत उद्योगों को अपने स्वयं के उद्योग में लगी उत्पादन मशीनों पर ट्रेनिंग देनी है। योजना के तहत उद्योगों को प्रति प्रशिक्षु को उद्योग में ही रोजगार देने पर 15 हजार 878 रुपए का पुर्नभुगतान के साथ एक वर्ष के लिए एप्रेन्टीस रखने पर एप्रेन्टीस कानून के तहत वित्तीय अनुदान भी दिया जाता है।
उन्होंने बताया कि इस योजना के तहत उद्योगों को कॉन्सिल के माध्यम से रजिस्ट्रेशन कराना होगा, इसकी अन्तिम तिथि 19 जुलाई है। कार्यशाला में स्थानीय टेक्सटाइल उद्योगों के श्रम प्रबंधको एवं वरिष्ठ अधिकारियां ने भाग लिया।