
लहार सीट पर 33 साल से कांग्रेस का कब्जा है। इस बार मुकाबला दिलचस्प और चुनौतीपूर्ण हो गया है। जो चेहरे 2018 में मैदान में थे, वही अब हैं। नेता प्रतिपक्ष डॉ. गोविंद सिंह कांग्रेस से हैं ही, लेकिन बसपा से पिछला चुनाव लड़े अंबरीश शर्मा इस बार भाजपा से और भाजपा से चुनाव लड़े रसाल सिंह बगावत कर बसपा में मैदान में हैं। सीट जीतने के लिए भाजपा ने तमाम प्रयोग किए, लेकिन सफल नहीं हो पाई। बुंदेलखंडी झलक वाले लहार क्षेत्र में जातिवाद पर चुनाव के मिथक को नेता प्रतिपक्ष ने तोड़ा है, लेकिन अब भाजपा पूरी दम लगा रही है। केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने तो इसे प्रतिष्ठा का प्रश्न बना लिया है।
वोटर्स की सियासी नब्ज टटोलने जिला मुख्यालय से 37 किमी दूर ग्राम बिरखड़ी पहुंचे तो एक गुमठी के पास बैठे लोगों से चर्चा की। युवा अतुल भारद्वाज ने कहा, सोन मोहल्ले में पांच साल से ज्यादा समय से बिजली नहीं है। खेत से लाइन खींचकर गुजारा कर रहे हैं। भिण्ड जिला लहार क्षेत्र के मतदाताओं का मूड फिलहाल अनमना सा है।
चचाई के श्रीकृष्ण सिंह कुशवाह ने कहा, चचाई-खुरतला रोड का एक किमी का हिस्सा वर्षों से कच्चा है। बरसात में काली मिट्टी होने से फिसलन की वजह से निकलना बंद हो जाता है। कई बार गुहार के बावजूद सुनवाई नहीं हुई।
बगावत से त्रिकोणीय और दिलचस्प हुआ मुकाबला
1. अंबरीश शर्मा - भाजपा
2. डॉ. गोविंद सिंह- कांग्रेस
3. रसाल सिंह - बीएसपी
प्रमुख मुद्दे
अंबरीश शर्मा - भाजपा
- 33 साल से कांग्रेस के राज से क्षेत्र पिछड़ गया।
- लाड़ली बहना योजना से महिलाओं को लाभ।
- घोषणा पत्र के अनुसार प्रत्येक परिवार से एक रोजगार।
प्रमुख मुद्दे
डॉ. गोविंद सिंह- कांग्रेस
- भाजपा सरकार मेंं भ्रष्टाचार और झूठी घोषणाएं।
- नारी सम्मान, सस्ती गैस, ज्यादा एमएसपी
- बच्चों की शिक्षा को प्रोत्साहन देने का प्रयास।
प्रमुख मुद्दे
रसाल सिंह - बीएसपी
- क्षेत्र में विकास को नई गति देना।
- कांग्रेस, भाजपा के पास विकास कार्यों के लिए ठोस योजना नहीं।
- क्षेत्र में अराजकता को समाप्त करना।
Updated on:
14 Nov 2023 08:07 am
Published on:
14 Nov 2023 08:04 am
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