
dirty talk of husbands of panchayat members
भिण्ड/लहार. सरकारें कागजों में योजनाओं के आंकड़ों को पूरा कर संतुष्टि कर रही हैं, तो हितग्राही आवास के लिए दफ्तरों के चक्कर लगा रहे हैं। आवास योजनाएं जनपद अधिकारियों के लिए कमाई का जरिया बन गई हैं। आवास मंजूरी के लिए हितग्राहियों से अवैध वसूली की जा रही है। जिले में इसका एक उदाहरण भी सामने आया है.
लहार की बीसनपुरा पंचायत में आवासों की मंजूरी में जनपद सीइओ व पीसीओ से लेन-देन का खुलासा एक ऑडियो मेें हुआ है। इसमें जनपद सदस्य मुन्नी देवी के पति हरी सिंह और सरपंच गीता लहरी के पति प्रताप सिंह के बीच बातचीत का आडियो सामने आया है हालांकि पत्रिका इसकी पुष्टि नहीं करता है।
बातचीत के कुछ अंश
प्रताप सिंह: एम राजन का फोन आया था। सीइओ साहब और एम राजन तो एक ही बात है।
हरि सिंह: सीइओ साहब पर कितने पहुंचे।
प्रताप: राजन पर 30 पहुंचे उसमें से 20 सीइओ साहब पर पहुंचे।
हरि: एम राजन पर 10 बचे।
हरि: आवास के लिए 10-10 हजार रुपए की बात हुई है।
प्रताप: 10 की बात साहब से कही है। दो-दो हजार के मान से लिए हैं।
हरि: मुन्ना भइया से 15 हजार आए।
प्रताप: नहीं उनसे 12 हजार आए, अभी अस्ताल में दवा ले रहे हैं।
हरि: हर आवास के 10 हजार की बात है साहब से।
प्रताप: साहब ने कही है, पहले कुछ ले लो और आवास की किस्त आने के बाद ले लेना।
हरि: 30 आवास में तीन लाख हो गए, 10 हजार के हिसाब से।
प्रताप: सीइओ साहब ने कहा है कागज ले लो, बाद में देखेंगे।
हरि : साहब सिंह से कितने आए।
प्रताप: तीन हजार, चंदनों से 2500 आए, किस्त गिर जाएगी तो बात होगी।
इस मामले में भिण्ड जिला पंचायत सीइओ जेके जैन ने बताया कि जनप्रतिनिधियों और अधिकारियों की ओर से यदि भ्रष्टाचार किया जा रहा है, तो मामले की तथ्यों के आधार पर जांच कराएंगे. इसके बाद दोषियों के खिलाफ कार्रवाई के लिए वरिष्ठ अधिकारियों की ओर प्रस्तावित की जाएगी।
Published on:
03 Nov 2021 12:00 pm
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