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20 साल पूर्व शहर की आबादी करीब 90 हजार थी उस समय 33 चिकित्सक स्वीकृत किए गए थे। वर्ष 2018 तक आबादी तीन लाख हो गई लेकिन चिकित्सक संख्या नहीं बढ़ाई गई। जनसंख्या तीन गुना से भी अधिक हो जाने के उपरांत जिला अस्पताल के लिए विशेषज्ञ चिकित्सक उपलब्ध नहीं कराए जा रहे हैं। भले ही स्वच्छता और संसाधनों के मामले में जिला अस्पताल ने प्रदेश में पहला पायदान हासिल कर लिया है लेकिन चिकित्साय सलाह के लिए मरीजों को बेहद परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। डॉक्टरों की कमी पूरी करने 10 साल से मिल रहे अश्वासन जिला अस्पताल के सिविल सर्जन डॉ. अजीत मिश्रा की मानें तो स्वास्थ्य विभाग की प्रदेश स्तरीय बैठक में हर बार डॉक्टरों की कमी से उत्पन्न होने वाली समस्याओं से अवगत कराया जाता है। जवाब में हरबार शीघ्र कमी को पूरा कर देने का आश्वासन मिल जाता है लेकिन चिकित्सकों की कमी जस की तस बनी हुई है। सिविल सर्जन का दावा है कि यदि जिला अस्पताल में डॉक्टरों के स्वीकृत पद भर दिए जाएं तो भिण्ड के अस्पताल को वे दिल्ली का एम्स अस्पताल से कमतर नहीं रहने देंगे।
लंबे समय से चिकित्सकों के अलावा अन्य स्टाफ की भी कमी बनी हुई है। चिकित्सक बढ़ें तो स्वास्थ्य सेवाएं अपेक्षाकृत बेहतर हो सकेंगी।
डॉ. जेपीएस कुशवाह, सीएमएचओ जिला अस्पताल भिण्ड पदस्थापना की स्थिति
डॉ. जेपीएस कुशवाह, सीएमएचओ जिला अस्पताल भिण्ड पदस्थापना की स्थिति
विशेषज्ञ | स्वीकृत | सेवारत |
अस्थिरोग | 04 | 01 |
मेडीसिन | 04 | कोई नहीं |
ग्यानिक | 04 | कोई नहीं |
नेत्र रोग | 03 | कोई नहीं |
ईएनटी | 03 | कोई नहीं |
शिशुरोग | 05 | 02 |
दंत रोग | 02 | 01 |
पैथॉलोजिस्ट | 02 | कोई नहीं |
रेडियो लॉजिस्ट | 02 | 01 |
स्टाफ | 138 | 79 |