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10 साल के मासूम ने लिया हादसे में गंभीर घायल हुई मां के अंग दान करने का फैसला, पहले हो चुकी है पिता की मौत

locationभोपालPublished: Jan 25, 2020 03:36:27 pm

Submitted by:

Faiz Faiz Mubarak

मयंक ने कहा- ‘मेरी मां अब बच नहीं सकती, ये तय है। लेकिन, वो अपने अंगों के जरिये तो दूसरों में जीवित रहकर मुझे देख सकती है।’

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10 साल के मासूम ने लिया हादसे में गंभीर घायल हुई मां के अंग दान करने का फैसला, पहले हो चुकी है पिता की मौत

भोपाल/ आमतौर पर किसी 10 साल के बच्चे के बारे में कल्पना करने पर हमें उसकी शरारतें, पढ़ाई में ध्यान ना देने या अपनी हरकतों से माता पिता को परेशान करने जैसी बातें ही ध्यान में आती हैं। क्योंकि, किसी भी बच्चे के लिए ये उम्र होती ही ऐसी है, जिसमें कोई परवाह नहीं होती। इसलिए हम आमतौर पर किसी बच्चे की कल्पना इसी तरह कर सकते हैं। लेकिन, क्या कोई बच्चा इतनी कम उम्र में अपने पिता की मौत का गम झेलने के बावजूद मौत के मूंह में जा चुकी अपनी मां के अंग दान करने जैसा बड़ा फैसला ले सकता है? आपको शायद यकीन न हो, लेकिन राजधानी भोपाल के रहने वाले मयंक छवानी ने इतनी छोटी उम्र में इतने बड़े त्याग का फैसला लिया है।

गुरुवार को हलालपुर बस स्टैंड पर बस से उतरते समय मयंक की मां दिशा छवानी का एक्सिडंट हो गया था, जिसमें वो गंभीर रुप से घायल हो गईं थी। हादसे के बाद उन्हें 108 की मदद से हमीदिया अस्पताल लाया गया। डॉक्टरों ने उन्हें वेंटिलेटर ज़रिए बचाने की कोशिश की, लेकिन शनिवार सुबह डॉक्टरों ने परिजन को बताया कि, दिशा का ब्रेन डेड हो चुका है, जिसके चलते अब उनके बचने की कोई उम्मीद नहीं है। ऐसी स्थिति में दिशा के परिवार के सामने अंग दान करने का विकल्प आया, जिसके जरिये अन्य कई लोगों को नया जीवन मिल सकता था। परिवार ने अंग दान करने का फैसला दिशा के एक लोते बेटे मयंक पर सौंप दिया। जिसपर इस छोटी सी उम्र में महात्याग का भाव रखने वाले बेटे ने कहा कि, मेरी मां अब बच नहीं सकती, ये तय है। लेकिन, व अपने अंगों के जरिये तो दूसरों में जीवित रहकर मुझे देख सकती है। ये कहते हुए भरे मन से अपनी मां के अंग दान करने का फैसला लिया।

 

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7 साल पहले सर से उठा पिता का साया

लालघाटी स्थित हलालपुर के रहने वाले 10 साल के मयंक के पिता भीषम छवानी की मृत्यु ब्लड प्रेशर लो होने की वजह से 7 साल पहले 8 जनवरी 2013 को हो चुकी है। तब उनका बेटा मयंक मात्र तीन साल का था। इतनी कम उम्र में सर से पिता का साया उठने का गम झेलने वाले मयंक के इस महात्याग का पूरे परिवार ने भीगी आंखों से स्वागत किया। हमीदिया अस्पताल में मयंक की मां दिशा छवानी के सभी जरूरी अंगों को निकालकर अलग-अलग लोगों में ट्रांसप्लांट करने की प्रक्रिया शुरु कर दी गई है। इसके बाद शनिवार यानी आज शाम तक ही दिशा के शव को अंतिम संस्कार के लिए परिवार को सौंप दिया जाएगा।

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