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सितंबर-अक्टूबर तक चलेंगी 100 इलेक्ट्रिक बसें, 14 करोड़ से बनेंगे 2 बस डिपो

MP News: अनुमान है कि 2030 तक हर तीन वाहन में एक ईवी होगा। इसके अलावा सितंबर और अक्टूबर से 100 इलेक्ट्रिक बसें चलने लगेंगी।

(फोटो सोर्स: पत्रिका)
(फोटो सोर्स: पत्रिका)

MP News: प्रधानमंत्री ई-ड्राइव योजना के चलते इलेक्ट्रिक मोबिलिटी के क्षेत्र में राजधानी भोपाल में जनवरी से मई 2025 तक क्रांतिकारी बदलाव देखने को मिला है। आदमियों द्वारा खींचे जाने वाले ठेलों में कमी आयी है। हथठेलों की जगह तेजी से ई-रिक्शा ने ले ली है।

सामान ठोने से लेकर सडक़ों पर आवाजाही के लिए इलेक्ट्रॉनिक व्हीकल सेगमेंट में दोपहिया और तिपहिया गाडिय़ों की संख्या बढ़ी है। बैटरी चालित निजी यात्री वाहनों की संख्या भी बढ़ी है। अनुमान है कि 2030 तक हर तीन वाहन में एक ईवी होगा। इसके अलावा सितंबर और अक्टूबर से 100 इलेक्ट्रिक बसें चलने लगेंगी। इनका किराया प्रति किमी. दो रुपए हो सकता है।

20% की बढ़ोतरी

शहरी यातायात विशेषज्ञ इंजी. विनोद श्रीवास्तव के अनुसार निजी यात्री परिवहन के रूप में इवी स्कूटर और तिपहिया ईवी वाहन की बिक्री में पिछले पांच महीने में करीब 20 फीसदी की बढ़ोतरी दर्ज की गयी है।

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जीसीसी मॉडल

पीएम ई-बस सेवा योजना के तहत भोपाल को 100 इलेक्ट्रिक बसें मिलेंगी। निजी फर्म बस खरीदेगी, ड्राइवर, कंडक्टर, मेंटेनेंस की व्यवस्था करेगी। उसे प्रत्येक बस 58 रुपए 14 पैसे प्रति किमी की दर से भुगतान होगा। बैरागढ़ और कस्तूरबा नगर में 14 करोड़ से दो बस डिपो बनेंगे।

सब्सिडी की व्यवस्था

लिथियम-आयन बैटरी से युक्त दोपहिया के लिए प्रति किलोवाट-घंटा 5,000 रुपये तक की सब्सिडी दी जा रही है। कंपनियां भी किफायती ईवी स्कूटर मॉडल ला रही हैं। देश में इलेक्ट्रिक 3 पहिया ईवी वाहनों की बिक्री 20 फीसदी बढकऱ लगभग 7 लाख पहुंच गई है।