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17 साल का ग्रेंड मास्टर कड़े संघर्ष के लिए आता है भारत

नोदिरबेक ने जीती इंटरनेशनल चेस चैंपियनशिप

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भोपाल. 17 वर्षीय नोदिरबेक। उज्बेकिस्तान के चेस ग्रेंड मास्टर। छोटी उम्र से ही भारत के दीवाने हैं। पहली वजह है शतरंज में मिलने वाली कड़ी टक्कर और दूसरी वजह हैं महानायक अमिताभ बच्चन। बेक ने शनिवार को भोपाल में एक और बड़ा खिताब अपने नाम किया। वह भोपाल इंटरनेशनल चेस चैंपियनशिप में विजेता बने।

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इस मौके पर पत्रिका से बात करते हुए उन्होंने भाषाई बाधा के बावजूद अपनी भावनाएं खुलकर व्यक्त कीं। बेक बताते हैं उनके देश के अलावा भारत में बच्चे पांच साल की उम्र से चेस में रुचि लेने लगते हैं, इसलिए जैसे खिलाड़ी भारत में हैं, उनसे टक्कर जोरदार मिलती है। इस प्रतियोगिता में भी उन्हें कड़े मुकाबलों का सामना करना पड़ा।


कई बार देखी है बागवान

भारत में किसे पसंद करते हैं? जवाब था-अमिताभ बच्चन। उनकी दीवानगी ऐसी कि फिल्म 'बागवानÓ कितनी बार देख डाली, खुद याद नहीं। एक बार उनसे मिलने की भी हसरत है। बेक वैसे ऐश्वर्या के भी बड़े फैन हैं। खेल में तो विश्वनाथन आनंद के अलावा दूसरा नाम नहीं लेते। उनसे बेक काफी प्रभावित हैं। वह कहते हैं कि मैं उन्हीं की तरह शीर्ष ग्रेंड मास्टर बनना चाहता हंू। वल्र्ड चैंपियनशिप का टाइटल जीतना ही जीवन का लक्ष्य है।

बहन से ली प्ररेणा
भोपाल में क्या पसंद आया? इस पर बेक ने मुस्करा दिए और व्यंजनों के नाम न बता पाने पर इतना ही कहा कि यहां काफी स्वादिष्ट व्यंजनों का स्वाद चखा, जो हमेशा याद रहेंगे। उन्होंने बताया कि मेरी बड़ी बहन निलूफर भी इंटरनेशनल चेस प्लेयर रही हैं। उनसे प्रेरणा लेकर ही चेस को चुना है। हम दोनों के बीच शतरंज खेलना बहुत ही रोमांचित करने वाला होता है।