29 दिसंबर 2025,

सोमवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

लॉकडाउन ने एक हद तक कोरोना से तो बचाया, पर राजधानी में ही 30 हज़ार कर्मचारी हो गए बर्बाद

लॉकडाउन ने एक हद तक कोरोना से तो बचाया, पर राजधानी में ही 30 हज़ार कर्मचारियों को कर दिया बर्बाद

2 min read
Google source verification
news

लॉकडाउन ने एक हद तक कोरोना से तो बचाया, पर राजधानी में ही 30 हज़ार कर्मचारी हो गए बर्बाद

भोपाल/ ये बात तो हम सभी जानते हैं कि, कोई भी इंसान अपने प्रोविडेंट फंड का पैसा उस समय निकलता है, जब उसकी सेविंग खत्म हो चुकी हों और खात खाली हो चुका हो और सारे फिक्स डिपॉजिट भी खत्म हो चुके हों। यानी अपनी सबसे मजबूरी भरे दिनों में। आपको जानकर हैरानी होगी कि, सिर्फ राजधानी भोपाल में ही लॉक डाउन के बाद 1 अप्रैल से 28 सितंबर तक 97 हजार सरकारी और प्राइवेट कर्मचारी अपना प्रोविडेंट फंड अकाउंट से निकाल चुके हैं। पिछली साल इसी अवधि में करीब 67 हजार कर्मचारियों ने अपने पीएफ अकाउंट से पैसा निकाला था। यानी इस बार 30 हज़ार कर्मचारियों की संख्या में बढ़ोतरी हुई है।

पढ़ें ये खास खबर- कोरोना के कारण भोपाल में होने वाला आलमी तब्लीगी इज्तिमा स्थगित, 72 साल में पहली बार हुआ कैंसिल


लॉकडाउन के दौरान 32 हजार से अधिक कर्मचारियों पर था जीवन यापन का संकट

कोरोना संकट को देखते हुए कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) ने अपने सदस्यों को आसान प्रक्रिया में अपनी तीन माह के वेतन बराबर राशि बतौर एडवांस निकालने की सुविधा दी थी। भोपाल में इस सुविधा का लाभ उठाते हुए 32 हज़ार 498 सदस्यों ने 66.13 करोड़ रुपए निकाले थे। हालांकि, इस सुविधा के अतिरिक्त 64 हज़ार 657 सदस्यों ने नियमित पीएफ खातों से भी 240 करोड़ रुपए की राशि निकाली थी।

पढ़ें ये खास खबर- क्या हाथरस घटना से भी सबक नहीं लेंगे हम? दुश्कर्म के मामलों में लगातार 3 साल रहे हैं अव्वल


अनलॉक के बाद हालात में आ रहा सुधार

कर्मचारी भविष्य निधि संगठन के क्षेत्रीय कमिश्नर एस.के सुमन ने बताया कि, कोरोना के बाद वेतन घटने, नाैकरी जाने से परेशान लोगों को 3 महीने का वेतन निकालने की सुविधा दी गई थी। शुरुआती महीनों में ही कोविड क्लैम लेने वालों की संख्या अधिक थी। हालांकि, धीरे धीरे ही सही पर इन लोगों की संख्या में कमी आ रही है। पिछले 4 महीनों में प्रदेश में 40 हजार से ज्यादा लोग पेरोल से जुड़े। इसके मायने इतने लोगों को नौकरियां भी मिली हैं।