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चिंता बढ़ा रहा संक्रमण का नया रूप, 1100 केसेस में मिले कोरोना के 4 खतरनाक वेरिएंट

ट्रिपल म्यूटेशन केस भी बढ़े . कई मरीजों में इसकी पुष्टि हो चुकी है.

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भोपाल. मध्यप्रदेश में तीसरी लहर के कमजोर होने का संकेत है. प्रदेश में पिछले 9 दिन से कोरोना के नए केस कम आ रहे हैं लेकिन एक तथ्य सामने आया जोकि चिंता में डाल रहा है. प्रदेश में संक्रमितों में कोरोना के कई वेरिएंट मिले हैं. पुराने खतरनाक अल्फा (यूके स्ट्रेन), डेल्टा (ट्रिपल म्यूटेशन) और डेल्टा+ के केस के साथ ही नए ओमिक्रॉन (BA.1 और BA.2 स्ट्रेन) के केस भी बढ़ गए हैं।

प्रदेश में पिछले दिन 7359 नए केस मिले और 6 मौतें हुईं. संक्रमितों में ओमिक्रॉन, डेल्टा+ और ट्रिपल म्यूटेशन केस भी बढ़े हैं. कई मरीजों में इसकी पुष्टि हो चुकी है. खतरनाक डेल्टा (ट्रिपल म्यूटेशन) और डेल्टा+ वेरिएंट के केस बढ़ गए हैं। इसके साथ ही ओमिक्रॉन के BA.1 और BA.2 स्ट्रेन तथा अल्फा के यूके स्ट्रेन के केस भी बढ़े हैं.

तीसरी लहर के पिछले एक महीने में मरीजों में ये चारों वैरिएंट मिले हैं. इस दौरान इन खतरनाक चारों वैरिएंट के 1100 से ज्यादा केस मिल चुके हैं। इंदौर में डेल्टा, डेल्टा+ वैरिएंट के पिछले 24 घंटों में कई नए मरीज मिले हैं। विदिशा में भी 12 मरीजों की रिपोर्ट में ओमिक्रॉन वैरियंट की पुष्टि हुई है।

प्रदेश में 6 और मरीजों ने दम तोड़ दिया। इसे मिलाकर तीसरी लहर में अब तक 99 संक्रमित दम तोड़ चुके हैं। प्रदेश में तीसरी लहर में 1 से 21 जनवरी के बीच सिर्फ 29 मौतें हुई थीं, लेकिन इसके बाद मौत का आंकड़ा तेजी से बढ़ा। पिछले दस दिनों में 70 संक्रमितों ने दम तोड़ दिया। इनमें 29 जनवरी को सबसे ज्यादा 9 मरीजों की मौत हुई थी।

24 घंटों में प्रदेश के 51 जिलों में नए संक्रमित मिले हैं। हरदा जिले में एक भी केस नहीं मिला। प्रदेश में सबसे ज्यादा 1438 केस इंदौर में मिले। वहीं, राजधानी भोपाल में 1112, जबलपुर जिले में 390, खरगोन जिले में 381 नए केस मिले। रायसेन में 189, उज्जैन में 185, सीहोर में 174, ग्वालियर में 164, बालाघाट में 154, विदिशा में 152 केस मिले हैं।