
bypass project: राजधानी से वाहनों को बायपास करने वाले दो बड़े प्रोजेक्ट पर जमीन अधिग्रहण का ग्रहण लगा हुआ है। 4800 करोड़ रुपए के दो बायपास के लिए प्रशासन को 474 हेक्टेयर जमीन अधिग्रहित करना है। स्थिति ये हैं कि अब तक 30 फीसदी अधिग्रहण (Acquisition of land) नहीं हो पाया। ऐसे में दोनों की प्रोजेक्ट के आगामी समय में लेटलतीफी में आने की स्थिति बनेगी।
स्थिति- इसके निर्माण के लिए लगभग 376 हेक्टेयर निजी जमीन का अधिग्रहण किया जाना है। अब तक भूमि अधिग्रहण प्रक्रिया में कुछ क्षेत्रों की जमीनें ली जा चुकी हैं। यह परियोजना भोपाल के ट्रैफिक को कम करने और शहर को जोडऩे के लिए महत्वपूर्ण मानी जा रही है।
भोपाल पश्चिमी बायपास
40.09 किमी लंबाई
2981.85 करोड़ रुपए का प्रोजेक्ट है
1323 करोड़ रुपए की टेंडरिंग की गई
45 गांवों की जमीनें लेना है।
6.44 किमी लंबाई तक सिक्सलेन चौड़ाई करना
1800 करोड़ रुपए का बजट
1048 करोड़ रुपए का पहला टेंडर इसमें किया गया
98 हेक्टेयर जमीन इसमें अधिग्रहित करना है
भेल के रत्नागिरी तिराहे से शुरू होकर अयोध्या बायपास से आसाराम तिराहा तक चौड़ीकरण।
स्थिति: छह लेने बायपास के लिए रत्नागिरी से लेकर अयोध्या बायपास रोड तक जमीन अधिग्रहण चिन्हित ही नहीं की है। बड़े स्तर पर बड़े निर्माण प्रभावित होंगे। 50 से अधिक कॉलोनियों का हिस्सा इसमें जाएगा। 2025 की पहली तिमाही में इसका काम शुरू करने का दावा है, लेकिन जमीन नहीं होने से चौड़ीकरण पर संशय है। कलेक्टर का कहना है कि अधिग्रहण को लेकर प्रशासन तय नियमों से कार्रवाई कर रहा है। सूचनाएं प्रकाशित कराई गई है।
ये लाभ: इममें फ्लाईओवर और एलिवेटेड कॉरिडोर शामिल हैं, जिससे यातायात सुगम होगा। यह परियोजनाएं राजधानी के ट्रैफिक को कम करने और यात्रा समय को घटाने में महत्वपूर्ण होगी। प्रोजेक्ट्स में जमीन अधिग्रहण में अनियमितता की शिकायतें भी आई। मामले में अक्टूबर 2024 में एक समिति भी बनी, लेकिन अब तक कुछ नहीं हुआ। इसमें ये भी देखा जाएगा कि बायपास चौड़ीकरण व नए की घोषणा के बाद संबंधित क्षेत्र में कितनी जमीनें बिकी।
Published on:
09 Dec 2024 11:19 am
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