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NEET UG में 49 हजार स्टूडेंट का हुआ सेलेक्शन, काउंसलिंग के समय न करें ये 2 गलतियां

स्टेट कॉलेज की 100 सीटों में से 85 सीटें राज्य के लिए और 15 सीटें ऑल इंडिया कोटे की होती है....

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NEET UG

भोपाल। नीट की परीक्षा इस बार 20 लाख 38 हजार स्टूडेंट ने दी थी। जिनमें से 11 लाख 45 हजार ने क्वॉलिफाई किया है। मप्र से कुल 102161 स्टूडेंट परीक्षा में शामिल हुए थे जिसमें से 49924 स्टूडेंट सेलेक्ट हुए हैं। यदि इनकी काउंसलिंग ठीक हो तो चॉइस के कॉलेज मिलने की अच्छी संभावना है। 2022 में 55561 अभ्यर्थियों ने नीट दी थी। जिसमें से 27134 सेलेक्ट हुए थे। इस तरह इस साल चयनित होने वाले छात्रों की संख्या बहुत ज्यादा है।

काउंसलिंग के जरिए ही एडमिशन

सरकारी और प्राइवेट दोनों ही मेडिकल कॉलेजों में काउंसलिंग के जरिए ही एडमिशन मिलेगा। इसलिए कोई बगैर काउंसलिंग के कहीं दाखिला दिलाने का दावा करता है तो उसके झांसे से स्टूडेंट बचें। काउंसलिंग के दो राउंड्स होंगे। पहले ऑल इंडिया काउंसलिंग के लिए अप्लाई करना होता है। पहले राउंड में खाली रह गयी सीटों के लिए दूसरी लिस्ट निकलती है। ऑल इंडिया के फर्स्ट राउंड के बाद स्टेट का फर्स्ट राउंड होता है।

इसी सिक्वेंस में सेकेंड राउंड भी। फर्स्ट राउंड में अच्छा कॉलेज न मिलने पर अपग्रेडेशन के लिए सेकेंड राउंड में अप्लाई करने का आवेदन दिया जा सकता है। स्टेट कॉलेज की 100 सीटों में से 85 सीटें राज्य के लिए और 15 सीटें ऑल इंडिया कोटे की होती है। दोनों की काउंसलिंग अलग होती है।

विदेश में मेडिकल पढ़ाई से बचें

विदेश में एमबीबीएस की पढ़ाई का झांसा एजेंट देते हैं। इनसे बचना चाहिए। विदेश से मेडिकल करके आने के बाद प्रैक्टिकल में ज्यादा मेहनत करनी पड़ती है। कम से कम 25-30 लाख सालाना केवल फीस के अलावा पूरी पढ़ाई पर एक करोड़ तक खर्च हो सकता है। देश में वापस आने पर पीजी में दाखिला आसान नहीं होता। प्रैक्टिस के लिए भी स्क्रीनिंग टेस्ट पास करना होता है। तब जाकर लाइसेंस मिलता है। रूस और ईस्टर्न यूरोपियन देशों कजाकिस्तान, यूक्रेन में तो और भी संकट है।

जुलाई में शुरू होगी नीट काउंसलिंग, 30 अगस्त के बाद प्रवेश नहीं

मेडिकल कॉलेजों में प्रवेश लेने के लिए नीट यूजी की काउंसलिंग जुलाई में होगी। आधिकारिक वेबसाइट mcc.nic.in पर रजिस्ट्रेशन होगा। काउंसलिंग 2 लेवल पर होगी। इससे ऑल इंडिया कोटा की 15 फीसदी सीटों, डीम्ड विश्वविद्यालयों, केंद्रीय विश्वविद्यालयों, एवं एएफएमसी की सीटों में एडमिशन मिलेगा।

एके श्रीवास्तव, निदेशक, चिकित्सा शिक्षा विभाग का कहना है कि सरकारी संस्थानों में शुल्क कम है। जबकि निजी में ज्यादा है। कई छात्र अगले साल अच्छे नंबर की उम्मीद में और सरकारी कॉलेज मिलने की लालसा में सीट छोड़ते हैं या प्राइवेट के कालेजों के झांसे में फंस जाते हैं। किसी भी धोखाधड़ी के बचने के लिए नीट गाइडलाइन का पालन जरूरी है। नीट में दो कोशिशों के बाद भी गवर्मेंट मेडिकल कॉलेज में रैंक नहीं मिल रही तो आगे और साल ड्रॉप करने का फायदा नहीं है। नीट यूजी 2023 की परीक्षा में एनएमसी ने आयु सीमा और टाई ब्रेकिंग नियमों में बदलाव किया है। आवेदक की उम्र 31 जनवरी को या उससे पहले 17 वर्ष होनी चाहिए। पहले न्यूनतम आयु की गणना 31 दिसंबर से की जाती थी।