
अयोध्या में मर्यादा पुरूषोत्तम श्रीराम की विधिवत प्राण प्रतिष्ठा का कार्यक्रम सोमवार को संपन्न हुआ। इस अवसर पर समूचा भारतवर्ष रामरस में डूबा रहा। मध्यप्रदेश में भी अयोध्या से जुड़ी कई ऐतिहासिक चीजें श्रीराम के प्रति गहरी आस्था को प्रकट करती हैं। उज्जैन जिले के महिदपुर में 800 साल पुराने राम दरबार के सिक्के मध्यकाल में भी श्रीराम के प्रति लोगों की आस्था बयां कर रहे हैं। दरअसल पुरातत्वविद का कहना है कि इन्हें राम टंका कहा जाता था। वर्षों पहले जब कोई अयोध्या दर्शन के लिए जाता था तो वहां से ये चांदी के सिक्के काफी प्रचलन में थे। और उस वक्त प्रसाद के स्वरूप इसे लेकर आते थे और अपने अपने परिवारजनों और प्रियजनों को बांटा करते थे। इन सिक्कों में एक ओर राम दरबार की फोटो तो दूसरी और राम जी के सेना का चित्र अंकित है।
विभिन्न धातुओं से बने 30 सिक्के मौजूद
पुरातनकाल के ऐसे करीब 30 सिक्के अश्विनी शोध संस्थान के पास मौजूद जिन्हें उन्होंने आज भी संभाल कर रखा है। अश्विनी शोध संस्थान से पता चला कि ये सिक्के चांदी, पीतल और तांबे के हैं। चांदी के सिक्के का वजन करीब 20 ग्राम है। जिसमें से करीब 8 सिक्के एक साल पहले अयोध्या भेज दिए गए हैं। जो श्री राम मंदिर संग्रहालय में रखे जाएंगे। ताकि श्री राम के पुरातन आस्था के बारे में मौजूदा पीढ़ी भी साक्षात्कर कर सके।
हर सिक्के में राम जी की अलग- अलग महिमा का चित्रण
पुरातत्वविद का कहना है कि अमूमन ये सिक्के 10 ग्राम के होते थे लेकिन अश्विनी शोध संस्थान के पास कुछ सिक्के ऐसे अनूठे हैं जिनका वजन 20 ग्राम तक है। और इनके अलग- अलग सिक्कों में राम जी के विभिन्न स्वरूपों का बखान किया गया है। जैसे कुछ सिक्कों में राम दरबार और रामजी की सेना है तो कुछ में राम और सीता जी के चित्र भी अंकित किए गए हैं।
ये हैं कई सौ साल पुराने सिक्के
ये सिक्के कई सौ साल पुराने हैं जो अपने आप में अनूठे हैं। हमारे पूर्वज जब अयोध्या दर्शन के लिए जाते थे तब प्रसाद के रूप में ये राम टंके लाए जाते थे। जिन्हें हमने आज भी संजोकर रखा है। हमारे पास ऐसे 30 सिक्के थे। जिसमें एक साल पहले हमने 8 सिक्के अयोध्या भिजवा दिए हैं। जो वहां संग्रहालय में रखे जाएंगे।
डॉ आरसी ठाकुर, निदेशक, अश्विनी शोध संस्थान
Published on:
24 Jan 2024 09:01 pm
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