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साइक्लोन इफेक्ट : इस बार 10 साल का रिकॉर्ड तोड़ेगा नौ तपा! 25 मई से 2 जून के बीच तापमान 44 डिग्री पार जाने के आसार

locationभोपालPublished: May 15, 2021 11:18:21 am

Submitted by:

Faiz Faiz Mubarak

मौसम विभाग के मुताबिक, इसका प्रभाव इतना हो सकता है कि, तपे की अवधि अधिकतम तापमान 44 डिग्री सेल्सियस के पार जा पहुंचे। ऐसा होने पर तपे की अवधि में पिछले 10 साल का रिकॉर्ड टूट जाएगा।

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साइक्लोन इफेक्ट : इस बार 10 साल का रिकॉर्ड तोड़ेगा नौ तपा! 25 मई से 2 जून के बीच तापमान 44 डिग्री पार जाने के आसार

भोपाल/ इस बार मध्य प्रदेश में नौ तपा का प्रभाव अधिक रहेगा। मौसम विभाग के मुताबिक, इसका प्रभाव इतना हो सकता है कि, तपे की अवधि अधिकतम तापमान 44 डिग्री सेल्सियस के पार जा पहुंचे। अगर मौसम विभाग के अनुमान के मुताबिक तापमान 44 डिग्री के पार जाता है, तो नौ तपे के दिनों में बीते 10 सालों में पहली बार होगा। क्योंकि, इस अवधि में औसत तापमान 44 डिग्री सेल्सियस के पार नहीं पहुंच सका है। अगर ऐसा हुआ, तो ये साल 2012 के बाद पहली बार नौ तपा में इतनी गर्मी होगी।

 

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[typography_font:14pt;” >साइक्लोन का प्रभाव बढ़ाएगा तापमान

इस बार तापमान में आने वाली इस अधिकता का कारण बताते हुए कहा है कि, इस बार मध्य प्रदेश पर दो साइक्लोन अपने सुनिश्चित समय से पहले आ चुके हैं, यही कारण है कि, इस बार 25 मई से 2 जून तक रहने वाले नौ तपे में तापमान अधिक रहेगा।


टूट सकता है इन 3 सालों का रिकॉर्ड

मौसम विभाग के सीनियर साइंटिस्ट पीके साहा के मुताबिक, इस बार 25 मई से 2 जून तक गर्मी ज्यादा रहेगी। शुरुआती दिनों में ये 44 डिग्री तक भी पहुंच सकता है। उन्होंने बताया कि, नौ तपा की अवधि में अकसर साइक्लोन आते रहे हैं। यही कारण है कि, पिछले 10 सालों से नौ तपा उतना अधिक गर्मी वाला नहीं रहा। इससे पहले साल 2015, 2018 और 2019 में तापमान 43 डिग्री सेल्सियस के पहुंचा था। लेकिन, इस बार इन सालों का रिकॉर्ड टूटने का अनुमान है।

आपको बता दें कि, इस साल मई माह की अब तक की अविध में ही दो साइक्लोन आ चुके हैं। इस कारण इस बार नौ तपा में तापमान अधिक रहने का अनुमान जताया जा रहा है।विभाग के मुताबिक, नौ तपा के पहले तीन दिनों का अधिकतम तापमान 44 से 45 डिग्री सेल्सियस तक पहुंचने के प्रबल आसार हैं। हालांकि, अगर नौ तपा की अवधि में तापमान अधिक रहता है, तो ऐसा भी माना जाता है कि, अधिक तपने वाले इलाके में बारिश भी अधिक होती है। पहले सिस्टम और फिर लोकल गतिविधियों से बारिश अधिक हो सकती है।


इस तरह होता है साइक्लोन का असर

अप्रैल और मई माह को साइक्लोनी सीजन माना जाता है। इस दौरान हर माह एक-दो साइक्लोन आना आम बात है। अरेबियन सी में कम बनते हैं, लेकिन इस बार यहां मजबूत साइक्लोन बन रहे हैं। इसके अलावा वे ऑफ बंगाल में भी साइक्लोन बन रहा है। ये दोनों सिस्टम पहले ही सक्रीय हो चुके हैं। इसके चलते उस अवधि में प्रदेश के अधिकतर इलाकों में बादल भी छाए और बारिश भी दर्ज की गई। साथ ही, इस अवधि में तापमान भी अपने औसत स्तर से कम दर्ज हुआ। लेकिन, मौजूदा समय में किसी साइक्लोन की सक्रीयता न होने के कारण एक-दो दिन बाद तापमान में बढ़ोतरी आनी शुरु हो जाएगी। विभाग के मुताबिक, इस माह की 24 मई से तापमान में बढ़ोतरी होना शुुरु होगी।

 

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