बेतरतीब पैचवर्क, रात में दिखाई नहीं देता नरसिंहगढ़ से भोपाल की ओर आने वाले वाहन चालक हाइवे पर तेज रफ्तार से आते हैं। लवाना हाउस, परवलिया के पास सड़क के आधे हिस्से में बेतरतीब पैचवर्क किया गया है। अंधेरे में पैचवर्क दिखाई नहीं देता है। इसकी वजह से वाहन चालक हादसों का शिकार हो रहे हैं। दिन में वाहन चालक यहां से सावधानीपूर्वक निकलते हैं।
परवलिया थाना प्रभारी रंजीत मिश्रा से सीधी बात सवाल: सड़क हादसे में मृतक सुशीला के दामाद नंदकिशोर को हादसे के लिए किन वजहों से जिम्मेदार माना है?
जवाब: कोई सड़क पर गिराकर मार देगा तो चालक के अलावा कौन जिम्मेदार होगा।
सवाल: घटना स्थल के पास सड़क पर पुलिस को कोई कमी नहीं मिली?
जवाब: जिस जगह हादसा हुआ निर्माण कार्य चल रहा है। सवाल: निर्माण कार्य तो ओवरब्रिज के पास चल रहा है, हादसा तो भोपाल-नरसिंहगढ़ हाइवे में लावना हाउस के सामने हुआ है।
जवाब: हां, मैं दिखवाता हूं।
सवाल: स्थानीय रहवासी, घटना के चश्मदीदों का कहना कि हाइवे पर घटिया पैचवर्क की वजह से हादसा हुआ है, फिर महिला के दामाद को पुलिस ने कैसे दोषी बना दिया?
जवाब: अभी पुलिस ने अपनी प्रारंभिक जांच में वाहन चालक पर मामला दर्ज किया है। गवाहों के बयान के बाद सड़क निर्माण एजेंसी की भूमिका भी तय की जाएगी। लापरवाही सामने आने पर जिम्मेदारों पर केस दर्ज किया जाएगा।
टैक्स-जुर्माना पूरा, बदले में दे रहे जानलेवा सड़कें खरीदार को सरकार की तरफ से लगाए गए हर तरह के टैक्स वाहन खरीदते ही चुकाने पड़ते हैं। इसके बाद पेट्रोल-डीजल पर लगने वाले सैस समेत अन्य टैक्स देना पड़ता है। यातायात नियमों का पालन नहीं करने जुर्माने की कार्रवाई की जाती है, लेकिन इन सब के बावजूद वाहन चालकों के हिस्से में जर्जर सड़कें आ रही हैं।
हादसे के लिए चालक जिम्मेदार तो इन गड्ढों के लिए कौन? शहर के हर मार्ग पर गड्ढे, बेतरतीब पैचवर्क और ब्रेकर हैं। इनसे आए दिन दो पहिया वाहन चालक हादसे का शिकार हो रहे हैं। हादसे में किसी की मौत होने पर पुलिस सीधे तौर पर वाहन चालक को ही दोषी बना देती है। ब्लैक स्पॉट में भी हादसे होने पर वाहन चालक को दोषी मानती है। रायसेन रोड पर रत्नागिरी और बीमा अस्पताल के पास खतरनाक गड्ढे हैं। कई गड्ढे तो टर्निंग पर हैं। चूना भट्टी में खतरनाक स्पीड ब्रेकर कई लोगों को गिराकर हड्डी तोड़ चुका है। कई जगह चौराहों और सड़कों की तकनीकी खामियां भी हादसों का सबब बन रही हैं। मैनिट के ट्रैफिक विशेषज्ञ सिद्धार्थ रोकड़े के अनुसार शहर के कई चौराहों पर तकनीकी खामियां हैं। इनका सर्वे कर पूरी रिपोर्ट प्रशासन को दी गई है। यह खामियां दूर हो जाएं तो हादसे कम हो सकते हैं।