27 दिसंबर 2025,

शनिवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

भू-माफिया पर होगी कार्रवाई, कलेक्टर-डीआईजी ने उपायुक्त को फटकारा तब निकाली डिफॉल्टरों की सूची

- कलेक्टर-डीआईजी-निगमायुक्त की उपस्थिति में कंट्रोल रुम में हुई बैठक, सहकारिता उपायुक्त ने जानकारी छिपाई तो कलेक्टर पिथोड़े ने गिनाई हेराफेरी करने वाली समितियों के नाम

2 min read
Google source verification
act_on_land_mafia.png

mafia

भोपाल/ भू-माफिया Bhu mafia के रुप में काम करने वाली राजधानी की 25 गृह निर्माण सहकारी समितियों पर जिला प्रशासन ने कार्रवाई की तैयारी कर ली है। आमजनों के साथ हेरफेर करने वाली 25 गृह निर्माण समितियों को चिह्नित कर लिया गया है। शनिवार को कलेक्टर तरुण पिथोड़े, डीआईजी इरशाद वली, निगमायुक्त विजय बी दत्ता की मौजूदगी में कंट्रोल रुम में बैठक हुई। एसडीएम और एसपी, सीएसपी और थाना प्रभारियों को बैठक में कार्रवाई के निर्देश दिए गए। सभी को अपने-अपने थाना क्षेत्रों के माफियाओं की जानकारी जुटाने को कहा।

हेराफेरी करने वाली समितियों संचालकों के खिलाफ जल्द कार्रवाई होगी। पिथोड़े और इरशाद वली ने उपायुक्त सहकारिता, विनोद सिंह को भी गृह निर्माण सहकारी समितियों के रिकॉर्ड व फाइलों के साथ तलब कर लिया। उपायुक्त सिंह ने डिफॉल्टर समितियों के नाम छिपाने की कोशिश की तो कलेक्टर पिथोड़े ने ही गड़बड़ी करने वाली समितियों के नाम गिनाकर सूची बनाने के निर्देश दिए।

सबसे पहले पांच समितियां नजर में पहले चरण में 5 बड़ी गृह निर्माण समितियों को चिह्नित किया गया। इसमें रोहित गृह निर्माण सहकारी समिति के घनश्याम सिंह राजपूत, कामधेनू गृह निर्माण समिति के ब्रजेश शुक्ला, कावेरी गृह निर्माण समिति के खालिद खान, विशाल सागर नीलबड़ गृह निर्माण समिति के विनोद शर्मा, आदित्य गृह निर्माण समिति के संतोष रमनानी, स्वजन गृह निर्माण समिति के राजेंद्र पाटीदार और सहयोग विहार गृह निर्माण समिति के ओम पाटीदार को सर्वोच्च प्राथमिकता में रखा गया है। इनके खिलाफ कभी भी कार्रवाई हो सकती है।

गिराए जाएंगे व्यवसायिक प्रतिष्ठान

कलेक्टर पिथोड़े ने बैठक के बाद मीडिया से कहा कि सबसे पहले गृह निर्माण सहकारी समितियों की जगहों पर व्यवसायिक प्रतिष्ठान बना लिए गए हैं, उन पर कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने कहा कि घर-आवासीय मकान नहीं तोड़े जाएंगे। बताया जा रहा है कि गृह निर्माण समितियों के पदाधिकारियों ने सदस्यों को प्लॉट देने के बजाय व्यवसायिक प्रतिष्ठान खड़े कर लिए हैं। इनके खिलाफ सबसे पहले तोडऩे-गिराने की कार्रवाई होगी।

सहकारिता विभाग के अधिकारियों की भूमिका पर भी है नजर

सूत्रों के अनुसार सहकारिता विभाग के अधिकारियों की भूमिका पर भी नजर है। गृह निर्माण समितियों के पदाधिकारियों से मिलीभगत के कारण ही हितग्राहियों को प्लॉट नहीं मिले और कार्रवाई तक नहीं की गई। इसके कारण जिन-जिन के कार्यकाल में इन समितियों में हेरफेर और आर्थिक गड़बडिय़ां की गई है, उन पर भी कार्रवाई का अंदेशा है।

खनन माफिया के खिलाफ कार्रवाई

जिला प्रशासन ने खनन कारोबारियों और शासकीय भूमि पर अतिक्रमण करने वालों के खिलाफ जांच शुरू कर दी है। शनिवार को खनन पट्टाधारी प्रीति अग्रवाल ग्राम सिंकराबाद में क्रेशर प्लांट पर खनिज और राजस्व अधिकरियों ने जांच की। जांच में पाया गया कि स्वीकृत रकबा से अधिक जगह खनन किया जा रहा है। स्वीकृत नियम विरुद्ध कार्य क्रेशर चलाया जा रहा है। इस पर कलेक्टर तरुण पिथोड़े ने कार्रवाई के निर्देश दिये। इसके आधार पर 2 करोड़ का जुर्माना लगातर क्रेशर बंद करवाया गया।