
Action of the Education Department in the matter of fees recovered
भोपाल. कोरोना काल में ऑनलाइन पढ़ाई और इस दरमियान अभिभावकों से वसूली गई फीस की जानकारी सार्वजनिक करने में प्रदेश के निजी स्कूल आनाकानी कर रहे हैं। इस मामले में सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर स्कूल शिक्षा विभाग के आदेश का पालन भी नहीं किया जा रहा है. ऐसे में शिक्षा विभाग ने अब अगला कदम उठा लिया है.
सुप्रीम कोर्ट के आदेशानुसार स्कूल फीस समेत अध्यापन की जानकारी 18 अक्टूबर तक शिक्षा विभाग के पोर्टल पर अपडेट करनी थी। इसके बावजूद 37072 स्कूलों में से महज 18697 स्कूलों ने ही जानकारी मुहैया कराई है। शेष निजी स्कूलों ने जानकारी अपडेट नहीं की। अब विभाग ने कलेक्टरों को इस मामले में कार्रवाई करने के निर्देश दिए हैं।
शिक्षा विभाग ने कहा है कि कलेक्टर अपने स्तर पर स्कूलों से जानकारी अपलोड करवाएं। प्रदेश में निवाड़ी, टीकमगढ़, शहडोल, उज्जैन, अनूपपुर, बड़वानी, अशोकनगर, कटनी मुरैना, श्योपुर, डिंडौरी, रीवा, शिवपुरी, रायसेन, सीधी, धार, सतना, खरगोन, भिण्ड और इंदौर में पचास फीसदी से कम स्कूलों ने प्रविष्टि की हैं।
ये है मामला
कोरोना काल में निजी स्कूलों द्वारा मनमानी फीस वसूलने के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने 19 अगस्त 2021 को आदेश दिया था कि सभी निजी स्कूल फीस संबंधी जानकारी सार्वजनिक करें। इसके लिए चार सप्ताह का समय दिया गया था। स्कूल शिक्षा विभाग के पोर्टल पर फीस की जानकारी और अध्यापन कार्य का विवरण १८ अक्टूबर तक अपलोड किया जाना था।
निजी स्कूल संचालकों को कोरोना काल के दौरान पहली से बारहवीं कक्षा के विद्यार्थियों से वसूली गई फीस की जानकारी देनी है। यह भी बताना है कि किस-किस मद में फीस ली गई है। कोरोना काल में मनमानी फीस लेने की शिकायतों तथा अंतिम तारीख बीतने के बाद भी जानकारी नहीं देने पर शिक्षा विभाग निजी स्कूलों पर सख्त कार्रवाई की तैयारी कर रहा है.
Published on:
20 Oct 2021 03:11 pm
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