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सीनियर ऑफिसर का दर्द: अहम कार्यालयों में भी महिला टॉयलेट नहीं, पुलिस में होता है शोषण

ADG अनुराधा शंकर बोलीं- क्या महिलाओं को टॉयलेट करने का अधिकार नहीं?

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ADG अनुराधा शंकर

भोपाल. मध्यप्रदेश पुलिस की एक बड़ी अफसर ने महिलाओं की स्थिति पर अफसोस जाहिर किया है। एमपी पुलिस की एडीजी अनुराधा शंकर सिंह का कहना है कि पुलिस सिस्टम में शोषण होता है। 6-7 साल पहले मंत्रालय में महिलाओं के लिए टॉयलेट नहीं थे और आज भी स्थिति वही है। वल्लभ भवन के अहम कार्यालय के पास महिलाओं के लिए टॉयलेट नहीं है। उन्होंने पूछा कि क्या महिलाओं को टॉयलेट करने का अधिकार नहीं है?

पुलिस मुख्यालय ( पीएचक्यू) में वर्टिकल इंटरएक्टिव वर्कशॉप 'उड़ान' में ADG अनुराधा शंकर ने यह दर्द जाहिर किया। वर्कशॉप में एडीजी से आरक्षक स्‍तर तक की 100 से अधिक महिला अधिकारी, कर्मचारियों की मौजूदगी में अनुराधा शंकर ने कहा कि दरअसल, अधिकार तो हमें कभी मिले ही नहीं हैं। हम बस ड्यूटी निभाते चले आ रहे हैं।

उन्होंने कहा कि हम हजारों साल से कर्तव्य ही करते आ रहे हैं, हमें अधिकार तो मिले ही नहीं। उन्होंने पुलिस सिस्टम पर भी अपने विचार व्यक्त किए. उन्होंने कहा कि अगर सभी जगह की पुलिस आदर्श है तब संसार को तो स्वर्ग हो जाना चाहिए, लेकिन मैंने कहीं स्वर्ग नहीं देखा। यहां रेप होते हैं, महिलाओं के साथ दुर्व्यवहार होता है।

रिटायर्ड स्पेशल डीजी अरुणा मोहन राव ने कहा कि महिलाओं के लिए पुलिस सेवा चुनौतीपूर्ण है, लेकिन यहां स्‍वयं को साबित करने का मौका भी- ADG ने कॉन्स्टेबल से लेकर दरोगा के बीच आने वाली हर रैंक को ध्यान में रखकर नीति बनाने पर जोर दिया। एडीजी ने बताया कि धार में दंगे के दौरान दो महिला टीआई ने फ्रंट पर रहकर व्यवस्था संभाली। कार्यक्रम की चीफ गेस्ट रिटायर्ड स्पेशल डीजी अरुणा मोहन राव ने कहा कि महिलाओं के लिए पुलिस सेवा चुनौतीपूर्ण है, लेकिन यहां स्‍वयं को साबित करने का मौका भी है। मुख्य वक्ता डॉ. नंदितेष निलय ने कहा कि कार्यक्रम का प्रमुख उद्देश्य यह है कि पुलिस की पहचान सिर्फ फोर्स के रूप में न हो बल्कि कम्युनिटी सर्विस और केयरिंग भी उसका चेहरा बने।