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रानू मंडल के बाद अब मजदूर महिला की आवाज ने मचाया धमाल, करोड़ों लोगों ने की तारीफ, देखें VIDEO

Highlights भजन के सहारे सोशल मीडिया पर छाई नेपानगर की ज्योतिबाई देशमुख...। लता मंगेशकर से मिलती-जुलती है आवाज, बगैर संगीत के गाती हैं फिल्मी भजन...।

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भोपाल

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Manish Geete

Jul 25, 2020

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unique talents

भोपाल। रेलवे स्टेशन से उठकर रातोरात स्टार बनने वाली रानू मंडल के बाद अब मध्यप्रदेश की ज्योतिबाई की आवाज दुनियाभर में लोकप्रिय हो रही है। कोरोनाकाल के मुश्किल दिनों और बढ़ती उम्र में भी ज्योतिबाई ने अपने शौक को नहीं छोड़ा। बगैर म्यूजिक के ही उनकी आवाज दुनियाभर में वायरल हो गई और उनके वीडियो मिलियन व्यू (million views ) में पहुंच गए।

बुरहानपुर जिले ( burhanpur district ) के नेपानगर तहसील ( nepanagar ) के महात्मा गांधी नगर के एक छोटे से मकान में रहने वाली ज्योतिबाई देशमुख ( jyotibai deshmukh ) का पता अब बच्चा भी बता देता है। ज्योतिबाई मजदूरी करके परिवार का पेट पालती है। बचपन से लता मंगेशकर (lata mangeshkar ) जैसी गायिका बनने का उनका सपना था। गरीबी और अपनो का साया उठ जाने के बावजूद वो मजदूरी करती रही, लेकिन गाना नहीं छोड़ा। उम्र के इस पड़ाव में भी ज्योतिबाई ने गीतों से अपना रिश्ता बनाए रखा। लॉकडाउन के दिनों में अकेलेपन में भी काफी गीत गुनगुनाए। उनके परिजनों ने उनका एक वीडियो क्या बनाया, वे रातों रात वायरल हो गईं। कई लोग ज्योतिबाई की आवाज की तुलना लता मंगेशकर ( lata mangeshkar ) से करने लगे, जबकि कई लोग हाल ही में चर्चित हुई रानू मंडल ( ranu mondal ) से भी तुलना कर रहे हैं।

देखें वीडियो

https://youtu.be/leJw3Mi5k-U

यूट्यूब पर मिलने लगे मिलियन व्यू :-:

यूट्यूब (youtube) पर उनका गाया गाना- 'सत्यम शिवम सुंदरम...' और 'एक प्यार का नगमा... ' जमकर वायरल हो रहा है। बगैर म्यूजिक और बगैर साज़ के ज्योतिबाई जो भी गाना गाती हैं म्यूजिक की कमी महसूस नहीं होती। उनका एक वीडियो 2.3 मिलियन पर है। जबकि यूट्यूब, ट्वीटर और फेसबुक पर उनके वीडियो के व्यू करोड़ों (million views ) में पहुंच गए हैं।

फेमस होते ही हुआ सम्मान :-:

नेपानगर ( nepanagar ) की संस्था जागृति कला केंद्र को जैसे ही ज्योतिबाई देशमुख की मधुर आवाज के बारे में पता चला तो संस्था के लोग ज्योतिबाई के घर पहुंच गए। संस्था के मुकेश दरबार ने उनका शॉल और श्रीफल से सम्मान किया। गरीबी में गुजर-बसर कर रही इस महिला को जब सम्मान मिला तो उनकी आंखें भर आईं। संस्थान के पदाधिकारियों ने उन्हें आश्वस्त किया कि उनकी आवाज दुनियाभर में पहुंचाएंगे और किसी प्रकार की आपको तकलीफ भी नहीं होने देंगे। इसके बाद कांग्रेस नेता जसलीन कीर ने भी ज्योतिबाई से मुलाकात कर उनकी आवाज की तारीफ की और हर मदद का भरोसा दिलाया।


मजबूरी में नहीं बन पाई गायिका:-:

ज्योतिबाई बताती हैं कि जल्दी ही उनकी शादी हो गई थी। परिस्थितियां खराब थी, गरीबी थी। घर वाले रावेर में रहकर प्लांट में ड्यूटी करते थे। साथ छूटा तो मुश्किल और बढ़ गई। ज्योतिबाई का कहना है कि ईश्वर ने ही मुझे कला दी है। भगवान भोलेनाथ का आशीर्वाद है कि वो ही मेरे गीतों को आगे ले जा रहे हैं।

इन गानों ने मिली पहचान

देखें VIDEO

https://dai.ly/x7v6tvf