29 दिसंबर 2025,

सोमवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

52 साल की महिला को मौत के मुंह से निकाल लाए डॉक्टर, फेल हो सकते थे हार्ट, लंग्स और किडनी

-एम्स के डॉक्टरों ने 52 साल की महिला को दिया नया जीवन -दिल को रोक 12 घंटे में भरी महाधमनी की दरारें

less than 1 minute read
Google source verification
new_project.jpg

AIIMS doctors

भोपाल। एम्स के डॉक्टरों ने गुरुवार को एक 52 साल की महिला को नया जीवन दिया। सतना निवासी महिला को तीन सप्ताह पहले सीने में तेज दर्द के साथ पूरे शरीर की धमनियों में दरारें आ गई थीं। इसके चलते तीव्र किडनी फेलियर और ब्रेन स्ट्रोक हुआ था। एक अप्रेल को परिजन उसे नागपुर से एम्स लेकर आए थे। सर्जन डॉ. योगेश निवारिया ने बताया कि मरीज को हार्ट, लंग्स या किडनी फेलियर और मृत्यु का खतरा था, इस कारण तुरंत सर्जरी करनी पड़ी।

इसलिए लगे 12 घंटे

एम्स के चिकित्सा अधीक्षक प्रो. शशांक पुरवार ने बताया कि आयुष्मान भारत योजना के तहत मरीज की मुफ्त सर्जरी की गई, जबकि नागपुर के निजी अस्पताल ने सर्जरी के लिए 18 लाख रुपए बताए थे।

विश्व में 96 घंटे तक सर्जरी का रेकॉर्ड

एम्स के डॉक्टरों के अनुसार, 5 से 8 घंटे की सर्जरी तो आम है। कुछ सर्जरी 14-15 घंटे की भी हुई है। हालांकि गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में दर्ज सबसे लंबा ऑपरेशन 96 घंटे तक चला है। इसमें ओवेरियन सिस्ट को हटाया गया था। यह ऑपरेशन यूएसए के शिकागो में 4 से 8 फरवरी 1951 में किया गया था। ऑपरेशन से मरीज का वजन 280 किलोग्राम से गिरकर 140 किग्रा हो गया था। सर्जरी कार्डियक सर्जन डॉ. योगेश निवारिया, डॉ. एम किशन, डॉ. सुरेंद्र सिंह यादव और कार्डियक एनेस्थेसियोलॉजिस्ट डॉ. मोली किरण की टीम ने की। अब वह ठीक होने लगी है।