
भोपाल। अहमदाबाद बम धमाकों (ahmedabad bomb blast) में शामिल जिन 38 लोगों को फांसी की सजा सुनाई गई है, उनमें शामिल मुख्य साजिशकर्ता उज्जैन का रहने वाला है और वो भोपाल जेल की अंडा सेल में बंद है। बताया जाता है कि वह पत्रकारिता की डिग्री लेने के बाद सिमी की गतिविधियों शामिल हो गया था और प्रचार-प्रसार करने वाले तहरीर अखबार का संपादक भी रहा। वो कश्मीर मसले पर एक शोध पत्र भी लिख चुका है।
उज्जैन जिले की महिदपुर तहसील के नागौरी गांव का रहने वाला सफदर नागौरी 51 साल का है। इसने विक्रम विश्वविद्यालय से पत्रकारिता की भी डिग्री ली थी। यहीं उसने कश्मीर समस्या पर एक शोध पत्र लिखा था, इसका शीर्षक था 'बर्फ की आग कब बुझेगी'।
पीएचडी की भी मिल गई थी अनुमति
रिपोर्ट्स के मुताबिक सफदर नागौरी (safdar nagori ) को इग्नू से डिस्टेंस लर्निंग से पढ़ने की अनुमति मिल गई। तीन सालों में उसने डिग्री भी प्राप्त कर ली। वो इंजीनियरिंग की किताबे पढने लगा। बाद में उसे पीएचडी करने की भी अनुमति मिल गई थी। काफी मशक्कत के बाद उसे जेल की लाइब्रेरी में इंटरनेट सर्फिंग की इजाजत मिल गई। वो चार घंटे पीएचडी की भी तैयारी करता था।
सजा सुन दिया ऐसा रिएक्शन
भोपाल सेंट्रल जेल के अधीक्षक दिनेश नरगावे के मुताबिक मौत की सजा सुनाए जाने के तत्काल बाद नागौरी ने कहा था कि ‘संविधान मेरे लिए कोई मायने नहीं रखता। मेरे लिए कुरान के फैसले सबसे ऊपर हैं।
ऐसे सेल जिससे कांपते हैं कैदी
भोपाल जेल की जिस अंडा सेल में नागौरी बंद है, उससे अच्छे-अच्छे अपराधी कांपने लगते हैं। इस सेल का आकार अंडे जैसा होता है। सेल को पूरी तरह से ‘बॉम्बप्रूफ’ बनाया गया है। 24 घंटे इस सेल की निगरानी कैमरों से होती है। सेल के भीतर भी छोटे-छोटे कैमरे लगे होते हैं। इसके बाहर इलेक्ट्रिक फेंसिंग होती है। सेल के बाहर और अंदर एनएसजी ट्रेनिंग प्राप्त कमांडो खड़े रहते हैं। दिल्ली की तिहाड़ और मुंबई की आर्थर रोड में बनी अंडा सेल के बाद मध्यप्रदेश की सेंट्रल जेल की अंडा सेल सबसे सुरक्षित मानी जाती है। इस जेल को आइएसओ सर्टिफिकेट मिल चुका है।
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100 से अधिक अपराध दर्ज
बताया जाता है कि सफदर नागौरी के खिलाफ लगभग 100 आपराधिक मामले दर्ज हैं। नागौरी के खिलाफ पहला केस 1997 में उज्जैन के महाकाल थाने में दर्ज हुआ था। इसके अगले साल इंदौर में भी एक केस दर्ज हुआ। 2005 से 2007 के बीच वह सिमी में काफी एक्टिव रहा। मस्जिदों में भड़काऊ भाषण देता था। उज्जैन के महाकाल के अलावा खारकुंवा और माधवनगर थाने में भी उसके खिलाफ कई प्रकरण दर्ज हैं। उसे 26 मार्च 2008 को इंदौर के एक फ्लैट से गिरफ्तार किया था, तभी से वो जेल में है।
फांसी की सजा वाले
1. कमरुद्दीन नागौरी भोपाल जेल निवासी उज्जैन मध्य प्रदेश
2. आमिल परवाज भोपाल जेल निवासी उज्जैन मध्य प्रदेश
3. सफदर नागौरी भोपाल जेल निवासी उज्जैन मध्य प्रदेश
4. अमीन शेख निवासी इन्दौर मध्य प्रदेश
5. मोहम्मद मूवीन निवासी इन्दौर मध्य प्रदेश
आजीवन जेल की सजा वाले
1. मोहम्मद अली निवासी जबलपुर मध्य प्रदेश
2. मोहम्मद सफीक अंसारी निवासी उज्जैन मध्य प्रदेश
3. मोहम्मद अबरार निवासी उज्जैन मध्य प्रदेश
Updated on:
19 Feb 2022 12:17 pm
Published on:
19 Feb 2022 12:16 pm
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