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अमृतं जलम् अभियान : आज सुबह 7.30 बजे से शुरू हो गई ऐतिहासिक ऐशबाग की बावड़ी की सफाई

आओ मिलकर संवारें बावड़ी, करें श्रमदान

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भोपाल। ऐशबाग की बावड़ी राजधानी की ऐतिहासिक बावडिय़ों में से एक है। यह शहर की प्राचीन धरोहर है। बावड़ी का प्राचीन वैभव लौटाने के लिए पत्रिका ने अमृतं जलम् अभियान के तहत इसके जीर्णोद्धार का बीड़ा उठाया है। रविवार सुबह 7.30 बजे से बावड़ी की साफ-सफाई का अभियान शुरू किया जाएगा। सभी शहरवासी इसमें श्रमदान के लिए आमंत्रित हैं, क्योंकि शहर की धरोहरों को सहेजने की जिम्मेदारी शहर के हर नागरिक की है।

अगर इसी तरह एक-एक बावड़ी को संवारा गया तो एक दिन ये बावडिय़ां फिर से अपने पुराने अस्तित्व में लौट आएंगी। इस खूबसूरत बावड़ी को राजाखुशवक्त राय की बावड़ी के नाम से भी जाना जाता है। कभी इस बावड़ी का पानी काफी साफ, स्वच्छ और निर्मल हुआ करता था। लेकिन अनदेखी और उपेक्षा के चलते आज इसका पानी गंदा हो गया है। पानी बदबू मार रहा है। कभी ये बावड़ी आसपास के लोगों क प्यास बुझाती थी। लेकिन अब इसका पानी हाथ धोने लायक भी नहीं रहा। इस बावड़ी की सफाई कर इसे फिर से पुराने रूप में लाने का बीड़ा पत्रिका ने उठाया है।

चार संस्थाओं ने किया श्रमदान

संत नगर की प्रमुख सामाजिक संस्था पूज्य सिंधी पंचायत, सिंधू नव जागरण समिति, सिंधू जागृति सेवा समिति, सिंधी नवयुवक मण्डल एवं रेल सुविधा संघर्ष समिति ने शनिवार को सामूहिक रूप से बड़े तालाब के संरक्षण, सफाई एवं गहरीकरण के लिए श्रमदान किया। इस कार्य के लिए चारों संस्थाओं से जुड़े पंचायत के महासचिव माधु चांदवानी ने जल ही जीवन है तथा जल है तो कल है पर उद्बोधन दिया। पंचायत के अध्यक्ष साबू रीझवानी ने बड़े तालाब के संरक्षण, सफाई एवं गहरीकरण की शपथ दिलवाई। शपथ में आह्वान किया गया कि हम तालाब में न गंदगी करेंगे और न करने देंगे तथा राजाभोज के इस तालाब को बचाने का प्रयास करेंगे।

बड़े बाग की बावड़ी की खूबसूरती ने मुझे मुग्ध कर दिया : सबा

जिस खूबसूरती की तलाश में हम राजस्थान के उदयपुर या अन्य ऐतहासिक शहरों की दौड़ लगाते हैं, उसे टक्कर देती खूबसूरती भोपाल की गलियों में छुपी है। यह एहसास मुझे बड़े बाग की बावड़ी को देखकर हुआ। इसकी खूबसूरती ने मुझे मुग्ध कर दिया। स्टाफ ने मुझे शाम को प्रोफेशनल फोटोग्राफर से इसकी फोटो कराकर भेजने की बात कही, लेकिन मेरे अंदर का फोटोग्राफर इसकी बनावट को खुद कैद करना चाहता था तो तेज धूप में ही मैंने इसकी कई तस्वीरें अपने मोबाइल में कैद कर ली। यह जानकार खुशी हुई कि इसे पिछले साल ही संवारा गया है।

अब जल्द ही इसकी सुरक्षा और लाइटिंग के लिए कदम उठाए जाएंगे। ये बातें औकाफ ए शाही की मुतावल्ली सबा अली पटौदी ने पत्रिका से बात करते हुए कही। देश की एकमात्र महिला मुतावल्ली सबा एक दिवसीय भोपाल दौरे पर आई थीं। अली ने बड़े बाग का दौरा कर बावड़ी सहित वहां मौजूद मकबरों और कब्रों की सुरक्षा के लिए कदम उठाने के निर्देश दिए। उन्होंने शाही कब्रिस्तान की सुरक्षा की व्यवस्था करने और जनाजे की नमाज और गुस्ल के इंतजाम कराने के भी निर्देश दिए। सबा अली ने रमजान को ध्यान में रखते हुए गर्मी से बचाव के लिए सूफिया मस्जिद में शीट लगाने की व्यवस्था करने के लिए भी कहा।

इस साल 225 हाजियों के ठहरने की व्यवस्था

इस वर्ष हज यात्रा पर जाने वाले 225 लोगों के ठहरने की व्यवस्था मक्का में औकाफ ए शाही की ओर से की जाएगी, जबकि मदीने में सबको ठहरने की सीट्स मिल सकेंगी। पिछले साल 330 लोगों के ठहरने का प्रबंध मक्का में किया गया था।

कार्यकारिणी में दो नए सदस्य नियुक्त

औकाफ ए शाही के वरिष्ठ सदस्य सिकंदर हफीज खान के सुझाव पर कार्यकारिणी का विस्तार करते हुए मुतावल्ली पटौदी ने कार्यकारणी में शम्स उल हसन आरिफ एवं मुहम्मद जावेद की नियुक्ति पर मुहर लगाई है।