
driverless car in india- मध्यप्रदेश के युवा इंजीनियर ने बना दी बगैर ड्राइवर के चलने वाली कार।
जाने-माने उद्योगपति आनंद महेंद्रा (Anand Mahindra) भी गजब हैं, कोई इनोवेशन करता है या किसी की मदद करना हो तो पीछे नहीं रहते हैं। हाल ही में भोपाल के एक इंजीनियर ने जो कारनामा किया है, उससे आनंद महेंद्रा बेहद उत्साहित हैं। उन्होंने अपनी खुशी का इजहार सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर किया है। उन्होंने जयकारा भी लगाया है।
अब भारत में भी हैंडफ्री और मेन्सफ्री जमाना देखने को मिल रहा है। कभी रोबोट और कभी आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस (AI) के जरिए भी यह सब संभव हो रहा है। ऐसा ही एक कारनामा भोपाल के इंजीनियर संजीव शर्मा (Sanjeev sharma) ने कर दिखाया। इस युवक ने ऑफ रोड एसयूवी कार बोलेरो को बगैर किसी ड्राइवर के चलाकर दिखाया। यह कार बगैर किसी गलती के दौड़ती जा रही थी। इस गाड़ी को भोपाल शहर की सड़कों पर 22 किलोमीटर तक चलाया गया। शहर के अवधपुरी इलाके से कंकाली माता मंदिर के बीच टेड़े-मेड़े रास्ते पर भी नियमों का पालन करते हुए चल रही थी।
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किसी भी इनोवेशन और किसी की मदद के लिए आगे रहने वाले आनंद महिंद्रा ऐसे ही लोगों को काफी प्रोत्साहित करते हैं। जैसे ही उन्होंने इस ड्राइवरलेस कार का वीडियो देखा, तो खुशी से झूम उठे। इस खुशी का इजहार उन्होंने सोशल मीडिया एक्स पर किया है। महिंद्रा ग्रुप के चेयरपर्सन आनंद महिंद्रा (Chairperson of Mahindra and Mahindra) ने अपनी पोस्ट को संजीव शर्मा को भी टैग किया है। यह वही संजीव शर्मा हैं जिन्होंने यह कारनामा कर दिखाया है।
आनंद महिंद्रा सोशल मीडिया एक्स पर लिखते हैं कि पूरे भारत में तकनीकी नवाचार के बढ़ते प्रमाण। एक इंजीनियर जिसने अभी तक कोई अन्य डिलीवरी एप नहीं बनाया। संजीव शर्मा (@sanjeevs_iitr) लेवल 5 की ऑटोनोमस को लक्षित करने के लिए जटिल मैथ का इस्तेमाल कर रहा है। उन्होंने अपनी पोस्ट में आगे लिखा- मैं जोर-जोर से जयकार लगा रहा हूं और निश्चित रूप से उनकी कार की पसंद पर बहस नहीं होगी।
इलेक्ट्रिकल इंजीनियर संजीव ने 8 साल की मेहनत से बिना ड्राइवर की कार दौड़ाने में न सिर्फ सफलता पाई, बल्कि बिना ड्राइवर 50 हजार किमी तक गाड़ी चलाकर ड्राय रन भी कर चुके हैं। आईआईटी रूड़की से पढ़े संजीव शर्मा ने रोबोटिक तकनीक से सेल्फ ड्राइविंग कार बनाई। संजीव कहते हैं, जल्द इस तकनीक से गाडिय़ां दौड़ेंगी। पहले आईआईटी रूड़की (iit roorkee) से इलेक्ट्रीकल इंजीनियरिंग में बीटेक किया। इसके बाद इजराइल में एरियल विश्वविद्यालय से मोशन प्लानिंग और फिर कनाडा से यूनिवर्सिटी ऑफ अलबरेटा में कम्यूटर साइंस की पढ़ाई की। उन्हें नौकरी के कई ऑफर मिले, लेकिन वे अपना सपना पूरा करने में जुट गए।
संजीव का बनाया उत्पाद स्वायत्त ड्राइविंग सॉफ्टवेयर है। इसे जरूरी नियंत्रकों और कम्प्यूटेशनल हार्डवेयर के साथ किसी भी वाहन में एकीकृत किया जा सकता है। सॉफ्टवेयर जीपीएस, कैमरे, सेंसर के साथ दृश्य संवेदी डेटा देता है। एल्गोरिदम इस डेटा को संसाधित कर एक गाड़ी के आसपास की दुनिया का 3डी या अनुमानित 2डी मॉडल बनाते हैं।
2015 में स्वायत्त रोबोट्स कंपनी (Swaayatt Robot co.) बनाकर संजीव ने स्टार्टअप शुरू किया। 70 लाख रुपए से शुरुआत की। पत्रिका से संजीव ने कहा कि रोबोटिक तकनीक से टू व्हीलर को छोड़ सभी बड़ी गाडिय़ां चलाना संभव है।
Updated on:
02 Apr 2024 03:50 pm
Published on:
02 Apr 2024 03:35 pm
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