
(आलोक पण्डया की खास रिपोर्ट)
भोपाल. मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को राजनीति में लाने वाले संघ के वरिष्ठ नेता और भारत रक्षा मंच के राष्ट्रीय संयोजक सूर्यकांत केलकर ने कहा, मुंगावली व कोलारस उपचुनाव में भाजपा की हार एंटीइनकंबेसी का परिणाम है। अब भाजपा को सरकार का चेहरा बदल देना चाहिए। मंत्रिमंडल में भी नए लोगों को लाना चाहिए। गुरुवार को पत्रिका से विशेष चर्चा में केलकर ने कहा, एक ही व्यक्ति के लंबे समय तक सरकार में मुख्य पदों पर रहने से सरकार की लोकप्रियता कम होती है। इसका असर चुनाव में दिखा। भाजपा की विचारधारा व राष्ट्रवाद के प्रति जनता में आकर्षण बढ़ा है। इससे चुनाव जीतने में तो दिक्कत नहीं जाएगी, लेकिन पार्टी को अपना निजाम बदल देना चाहिए।
इनकी डायरी में था शिवराज का नाम
आपातकाल के दौरान सूर्यकांत केलकर अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के प्रदेश संगठन मंत्री थे। गिरफ्तारी के दौरान इनकी ही डायरी में शिवराज सिंह चौहान का नाम लिखा मिलने पर उनको जेल भेजा गया था। बाद में केलकर ही शिवराज को राजनीति में लेकर आए।
सरताज सिंह का संन्यास, गौर सिंधिया पर फिदा
मुंगावली और कोलारस विधानसभा उपचुनाव में करारी हार के बाद भाजपा में घमासान शुरू हो गया है। खुद को उपेक्षित महसूस कर रहे वरिष्ठ नेताओं के बयानों ने हलचल मचा दी है। पूर्व मंत्री सरताज सिंह ने ऐलान कर दिया है कि वे अब चुनाव नहीं लड़ेंगे। उन्होंने यहां तक कह दिया कि अब भाजपा में घुटन होने लगी है। वहीं, पूर्व मंत्री बाबूलाल गौर ने उपचुनावों के परिणामों पर तंज कसे और कांग्रेस सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया की तारीफ में कसीदे गढ़े। इधर, कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने उपचुनाव परिणाम को लेकर मध्यप्रदेश सरकार पर तीखा हमला बोला।
पूर्व केंद्रीय मंत्री और पांच बार सांसद रहे भाजपा विधायक सरताज सिंह ने गुरुवार को पत्रकारों से चर्चा में कहा, अब भाजपा में माहौल ठीक नहीं है। यहां लोग हटाने और मिटाने के ही काम में लगे हैं। मुझे तकलीफ हुई है, इसीलिए चुनाव न लडऩे का निर्णय ले रहा हूं।
राजनीति एक संघर्ष है, लेकिन जब अनुकूल वातावरण ही नहीं बचा तो, मैं क्यों संघर्ष करूं। हमने जनता के लिए राजनीति की है, लेकिन अब पार्टी में एेसे हालात नहीं हैं। इसके बावजूद मैं भाजपा में सक्रिय रहकर जनसेवा करता रहूंगा। मुंगावली और कोलारस उपचुनाव में मिली हार पर सरताज ने कहा, पार्टी को आत्मचिंतन करने की जरूरत है। लगातार 4 उपचुनाव में हार से भाजपा के सामने संकट तो बढ़ा है।
75 पार के फार्मूले पर हुई थी छुट्टी
दोनों वरिष्ठ नेता बाबूलाल गौर और सरताज सिंह 2013 में भाजपा की तीसरी पारी की सरकार में कैबिनेट मंत्री थे। लगभग ढाई साल बाद 30 जून 2016 को मुख्यमंत्री द्वारा किए गए मंत्रिमंडल फेरबदल में दोनों से इस्तीफा ले लिया गया था। मंत्रिमंडल से हटाने के पीछे 75 पार का फार्मूला बताया गया था। हालांकि अगस्त 2017 में भोपाल आए भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने सार्वजनिक रूप से कहा था कि पार्टी में ७५ पार का कोई फार्मूला नहीं है।
सिंधिया अभिमन्यु नहीं, अर्जुन निकले : गौर
पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल गौर ने कहा, यह उपचुनाव महाभारत का युद्ध था। ज्योतिरादित्य सिंधिया को चक्रव्यूह में घेरने की कोशिश हुई, लेकिन वे अभिमन्यु नहीं बने, बल्कि अर्जुन की तरह चक्रव्यूह भेद कर निकल गए। गौर ने यह भी कहा कि इस उपचुनाव परिणाम के कारण जातिवाद बढ़ेगा।
घमंड व कुशासन की हार : राहुल
कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने मुंगावली व कोलारस उपचुनाव में पार्टी की जीत पर कहा, यह घमंड और कुशासन की हार है। यह बदलाव का संकेत है। मैं मतदाताओं को शुभकामनाएं देता हूं।
चर्चा के बाद कहूंगा
मुझे अभी सरताज सिंह के किसी निर्णय की जानकारी नहीं है। जब तक उनसे चर्चा नहीं हो जाती, मैं इस विषय में कुछ नहीं कह पाऊंगा।
-नंदकुमार चौहान, प्रदेश भाजपाध्यक्ष
Published on:
02 Mar 2018 10:24 am
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