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830 कॉलोनियां की बनेगी एप्रोच सड़क, मिलेगी 62 करोड़ रुपए की बड़ी राशि

सड़क के गड्ढों में हिचकोले खाकर घर पहुंच पा रहे रहवासी, तीन लाख से ज्यादा लोग परेशान, संपत्तिकर का 25 फीसदी पार्षदों को विकास के लिए देने पर हुई सहमति, एमआइसी में होगी अंतिम मंजूरी

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भोपाल. शहर की 830 कॉलोनियां बारिश बाद मुख्य मार्ग तक पहुंचाने वाली एप्रोच रोड के गड्ढों में उलझी हुई हैं। नर्मदापुरम रोड किनारे स्थित कॉलोनियों से लेकर कोलार रायसेन रोड करोंद और अन्य क्षेत्रों से जुड़ी कॉलोनियों में रहने वाले लोग रोजाना खराब एप्रोच रोड की वजह से परेशान होते हैं। अब लोगों को उम्मीद अपने पार्षद की निधि से हैं। करीब 62 करोड़ रुपए उन्हें अपने वार्ड में विकास के लिए मिलेंगे। गुरुवार को एमआइसी की बैठक में इसे अंतिम मंजूरी मिलेगी। यदि पार्षद अपनी इस निधि को कॉलोनियों से मुख्य मार्ग.सर्विस रोड को जोडऩे वाली एप्रोच रोड बनाने के लिए खर्च करें तो करीब तीन लाख लोगों को राहत मिल सकती है।

यहां है परेशानी
- नर्मदापुरम रोड स्थित चिनार फॉर्चून के अंदर से सर्विस रोड बमुश्किल 40 मीटर ही है। एप्रोच रोड बना दी जाए तो यहां रहने वाले 250 से अधिक परिवारों के साथ यहां व्यावसायिक परिसर में कामकाज करने वालों को राहत मिल सकती है।
- मिसरोद क्षेत्र में स्थित श्रीराम कॉलोनी की नर्मदापुरम बीआरटीएस तक पहुंचने करीब 80 मीटर की एप्रोच रोड चाहिए। एप्रोच रोड बारिश के बाद पूरी तरह खराब हो चुकी है। यहां 300 से अधिक परिवार रोजाना इस रोड की वजह से परेशान होते हैं।
- कोलार की वंदना नगर की 70 मीटर की एप्रोच सड़क पूरी खराब है। यहां स्कूल जाने वाले वाहनों से लेकर आम आदमी को मुख्य सड़क तक आने में पसीने छूट जाते हैं।

ये नियम है परेशानी
विकसित कॉलोनियों में बिल्डर ही एप्रोच रोड बनाकर उसे पास की मुख्य या सर्विस रोड से जोड़ता है। कॉलोनी का निगम में हस्तांतरण होने पर ही वहां का जिम्मा निगम लेता है। अब स्थिति ये है कि अंदर की रोड एक बार खराब हुई तो इसे रहवासियों को ही ठीक कराना होता है। निगम नहीं करता। ऐसे में अब मुख्यमंत्री अधोसंरचना जनभागीदारी या पार्षदों की निधि के भरोसे ही काम होता है।

ऐसे समझें परेशानी
नौकरीपेशा अरविंद अग्रवाल का कहना है कि नर्मदापुरम रोड पर शनि मंदिर से अंदर की ओर 12 से अधिक कॉलोनियां हैं। बीआरटीएस से अंदर मुड़ते ही सड़क के नाम पर गड्ढे मिलते हैं। बारिश में गड्ढों में पानी जमा होने से लोग घरों में कैद हो जाते हैं। रिटायर्ड शिक्षक जयरामसिंह का कहना है कि बच्चों के स्कूल की बसें तक अंदर तक नहीं जाती। बच्चों को कीचड़ में होते हुए मुख्यमार्ग तक पहुंचना पड़ता है।

महापौर मालती राय के अनुसार सड़क सुधार का काम बड़े स्तर पर शुरू किया जाएगा। एप्रोच रोड को लेकर भी चर्चा करके काम कराएंगे। पार्षद समेत जिसकी भी निधि लगे, लोगों को राहत देंगे।

830 कॉलोनियों के रहवासियों को चाहिए एप्रोच रोड
3 लाख की आबादी है परेशान
62 करोड़ रुपए मिलेगी पार्षदों को वार्ड विकास के लिए
12 कॉलोनियां आएंगी एक वार्ड में
100 मीटर तक बनानी होगी एप्रोच रोड
3000 से अधिक कॉलोनियां हैं शहर में