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कॉलोनियों में मेंटेनेंस के नाम पर मनमर्जी, बिना सुविधाओं के वसूल रहे शुल्क

वसूली रोकने यहां कोई नियम नहीं, गुडग़ांव में क्षेत्रफल तो महाराष्ट्र में सुविधाओं के आधार पर लेते हैं शुल्क  

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वसूली रोकने यहां कोई नियम नहीं

भोपाल. आवासीय कॉलोनियों में रहवासी समितियों के पंजीयन व मेंटेनेंस शुल्क के नाम पर मनमर्जी चल रही है. मनमानी वसूली रोकने हरियाणा, महाराष्ट्र समेत देश के अन्य राज्यों में नियम पुख्ता हैं लेकिन हमारे यहां कोई एक नियम या एजेंसी नही है। हरियाणा में रेगुलेशन एंड रजिस्ट्रेशन ऑफ सोसायटीज एक्ट 2012 बना हुआ है। अगस्त 2022 में सुप्रीम कोर्ट ने भी रखरखाव शुल्क पर निर्णय दिया है और उसमें भी आवास के क्षेत्रफल और सोसायटी में ओपन स्पेस की गतिविधियों के आधार पर शुल्क तय किया है।

स्पष्ट नियम बनें और उन्हें लागू किया जाए
भोपाल समेत प्रदेश के अन्य शहरों में भी रहवासी समितियों का पंजीयन और मेंटेनेंस चार्ज को लेकर स्पष्ट नियम बनें और उन्हें लागू किया जाए तो रहवासियों को मनमर्जी के मेंटेनेंस चार्ज से राहत मिल सकती है। गौरतलब है कि भोपाल में मेंटेनेंस के नाम पर रहवासी समितियां रहवासियों से 700 रुपए से 1200 रुपए तक प्रतिमाह वसूली कर रही है। ये राशि सिर्फ पानी और स्ट्रीट लाइट के लिए ही है, अन्य सुविधाओं के लिए अलग से राशि ली जाती है। एक अनुमान के अनुसार शहर में रहवासी सोसायटी एक घर से सालभर में 25 हजार रुपए से अधिक की राशि वसूल लेती है। ऐसे में सरकार को इसे लेकर नियम बनाने की जरूरत है।

महापौर मालती राय के मुताबिक हर घर को सिंगल कनेक्शन देना और सोसायटी में सभी सुविधाएं उपलब्ध कराने के लिए नगर निगम अपने स्तर पर काम कर रहा है। सभी तरह की दिक्कतें जल्दी दूर की जाएंगी। शासन के नियमों के तहत हम शहर के हर क्षेत्र में हम सुविधाएं प्रदान करेंगे।

मंदाकिनी मोहल्ला समिति की अध्यक्ष आशा देवलिया के अनुसार मोहल्ला समिति, सहकारिता वाली समिति या फिर फर्म एंड रजिस्ट्रार से पंजीकृत समिति, रेरा एक्ट में भी रहवासी समिति गठन और उनके माध्यम से रखरखाव की बात है। शासन को नियम बनाना चाहिए और समिति गठन से लेकर पंजीयन और मेंटेनेंस शुल्क को लेकर स्पष्ट नियम होने चाहिए।