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परिजनों पर दबाव बनाने के लिए स्कूल संचालकों की मनमानी

स्कूल खुलने के बहाने निजी स्कूल ने रखी केवल ऑफलाइन परीक्षा, ऑनलाइन परीक्षा का नहीं रखा विकल्प।

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भोपाल. प्रदेश सरकार को ओर से एक सितंबर से छठवीं से आठवीं तक की कक्षाओं का संचालन शुरू करने के निर्णय की आड़ में कई स्कूल संचालकों ने अभिभावकों पर दबाव बनाना शुरू कर दिया है। ऐसा ही एक मामला रातीबड़ इलाके के स्कूल का सामने आया है।

राजधानी के रातीबड़ में भौतिक कक्षाओं का सीमित संचालन शुरू होने के एक संप्ताह के अंदर ही स्कूल ने ऑफलाइन परीक्षाओं का आयोजन रखते हुए ऑनलाइन परीक्षा देने का विकल्प भी उपलब्ध नहीं कराया है। स्कूल प्रबंधन अभिभावकों से विद्यार्थियों को स्कूल भेजने के सहमति पत्र मांग रहा है। ऐसे में सभी अभिभावक बच्चों को स्कूल भेजने की सहमति देने को मजबूर हो रहे हैं।

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मामला शारदा विद्या मंदिर स्कूल का है। स्कूल प्रबंधन ने अभिभावकों को एक सितंबर से शुरू हो रही कक्षाओं में विद्यार्थियों को भेजने के लिए सहमति पत्र भेजा है। पत्र के दूसरे पन्‍ने पर छह सितंबर से ऑफलाइन परीक्षा की जानकारी दी गई है। खास बात यह है कि अभिभावकों को ऑनलाइन परीक्षा का विकल्प ही नहीं दिया गया है। इस सम्बंध में स्कूल प्रबंधन से सम्पर्क करने की कोशिश की गई लेकिन कोई जबाब नहीं दिया गया।
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पालक महासंघ महासचिव, प्रबोध पंड्या ने बताया कि सरकार ने कहा है कि ऑनलाइन कक्षाएं चलती रहेंगी। भौतिक कक्षाएं सप्ताह में तीन-दिन की है, लेकिन स्कूल खोलने के नाम पर कई स्कूलों की ओर से ऑनलाइन क्लासेज बंद करने की शिकायतें मिल रही हैं। शारदा विद्या मंदिर ने तो स्कूल खुलते ही ऑफलाइन परीक्षाएं रखते हुए ऑनलाइन का विकल्प ही नहीं दिया इसके बाद अभिभावकों से सहमति मांगी जा रही है। ऐसे में जो अभिभावक बच्चों को स्कूल नहीं भेजना चाहते उनका क्या होगा? उनके पास तो कोई चारा ही नहीं बचा, यह पूरी तरह गलत है जिसका हम विरोध कर रहे हैं।

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