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अब मंडियों में अनाज की जांच के लिए आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस

मंडियों में है विवाद, किसानों को भुगतना पड़ रहा खामियाजा

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भोपाल. कृषि उपज बेचने के दौरान इसकी क्वालिटी की ठीक से जांच नहीं हो पा रही है। जिसके चलते किसानों को सही दाम नहीं मिल पा रहा है। राजधानी सहित प्रदेश की सभी मंडियों में इस तरह की स्थिति है। तमाम दावों के बाद भी यहां इंतजाम नहीं हो पाए। हाल में इससे निपटने हाइटेक व्यवस्था शुरू करने की बात हो रही है। प्रदेश की अनाज मंडियों में जल्द ही क्वालिटी बताने वाली अत्याधुनिक मानक परीक्षण मशीनें आएंगी। इसकी शुरुआत भोपाल कृषि उपज मंडी से होगी, जहां हाल ही में मशीन का प्रदर्शन किया गया।

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मंडी बोर्ड की प्रबंध संचालक ने जल्द ऐसी मशीनें लगाने को लेकर बात कहीं।दरअसल मंडियों में लाई जाने वाली कृषि उपज की क्वालिटी देखकर भाव बोले जाते है। किसानों को लगता है कि उनकी फसल के भाव कम बोले गए। इसे ध्यान में रखते हुए मंडी बोर्ड प्रशासन ने निर्णय. लिया है कि उपज का मानक नापने वाली मशीनें लगवाई जाए। इसके लिए भोपाल मंडी में पहली मशीन लगेगी। बताया जाता है कि इस अत्याधुनिक मशीन की कीमत लगभग 13.50 लाख रुपए रहेगी। अनाज क्वालिटी का परीक्षण होगा।

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मशीन की विशेषताएं
आर्टिफिशियल एंटलीजेंस साफ्टवेयर आधारित इस अत्याधुनिक असेइंग मशीन की विशेषता हैकि इसमें कृषि उपज की दोनों साइड से फोटो ली जाकर जींस की गुणवत्ता की जांच होती है। जिसमें कृषि उपज के टूटे हुए, सड़े हुए, सिकुड़े हुए, अन्य जींस के दाने, कचरा, डंठल, मिट्टी, पत्थर आदि की अलग-अलग फोटो अपलोड होकर इनकी मात्रा के प्रतिशत अनुसार असेडइंग रिपोर्ट प्रदर्शित होती है।

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इस रिपोर्ट को प्रत्येक किसान के नाम अथवा लाट नंबर से मशीन में सुरक्षित रखी जाकर आवश्यकता अनुसार किसान को रिपोर्ट का प्रिंट भी दिया जा सकता है। इस प्रक्रिया में मात्र 1 से डेढ़ मिनट का समय लगेगा। मंडी बोर्ड के सहायक संचालक योगेश नागले ने बताया कि भोपाल मंडी में मशीन का प्रदर्शन हो चुका है।
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