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राजधानी में जुटीं प्रदेशभर की आशा-ऊषा कार्यकर्ता, सड़क पर ही गुजारी रात

पुलिस और आशा-उषा कार्यकर्ताओं के बीच झूमाझटकी, दो महिलाओं की हालत बिगड़ी

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Asha-Usha workers protest in Bhopal

Asha-Usha workers protest in Bhopal

भोपाल. निश्चित मानदेय, नियमितीकरण और चिकित्सा सुविधाओं की मांग को लेकर मंगलवार को बिना किसी पूर्व सूचना के 25 जिलों की आशा और उषा कार्यकर्ताएं पॉलीटेक्निक चौराहे पर एकत्रित हो गईं। सीएम हाउस जाने की कोशिश कर रहीं कार्यकर्ताओं को पुलिस ने चौराहे पर रोक दिया।

आरोप है कि सीएम हाउस जाने की जिद पर अड़ी कार्यकर्ताओं के साथ पुलिस ने झूमा झटकी और गला दबाकर पीछे ढकेलने का प्रयास भी किया। पुलिस ने सड़क पर बैरीकेड्स लगाकर सड़क बंद कर दिया तो कार्यकर्ता चौराहे पर ही धरने पर बैठ गईं जो मंगलवार देर रात तक जारी रहा। प्रशासन द्वारा कोई व्यवस्था नहीं कराए जाने से महिलाएं सड़क पर ही सोती रहीं।

सुबह 10 बजे से देर रात तक महिला कार्यकर्ता लिखित आदेश अथवा सीएम से मिलने की मांग को लेकर अड़ी रहीं। तेज धूप से दो कार्यकर्ताओं की तबीयत बिगड़ गई। उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया।

सुबह दस बजे चौराहे पर बड़ी संख्या में कार्यकर्ता एकत्रित होकर प्रदर्शन करने लगे, इसके बाद पुलिस यहां पहुंची और बैरीकेड्स लगा दिए। आशा कार्यकर्ता सीएम हाउस जाने की जिद पर अड़ी थीं। जब पुलिस ने सख्ती दिखाई और अंदर नहीं जाने दिया तो चौराहे पर ही कार्यकर्ता धरने पर बैठ गई। धरना रात्रि तक जारी रहा।

आरोप - पुलिस ने हमारा गला दबाया

आंदोलन की अगुवाई कर रही दमोह निवासी ममता पटेल ने बताया कि जब हम सीएम हाउस जा रहे थे, तो पुलिस ने हमारे साथ बर्बरता की। पीछे ढकेलते हुए मेरा गला दबाया गया, जिसके कारण मुझे चक्कर आ गया और मैं नीचे गिर गई। बाद में अन्य कार्यकर्ताओं ने पानी पिलाया। इसी तरह आगे बढऩे का प्रयास कर रही कई कार्यकर्ताओं के साथ पुलिस ने बदसलूकी की। पुलिसकर्मियों ने हाथों से धकाकर कार्यकर्ताओं को पीछे ढकेलने का प्रयास किया।

पुलिस का खुफिया तंत्र फेल

पुलिस के खुफिया तंत्र का बड़ा फेलुअर सामने आया है। बताया गया कि अलग-अलग जिलों से आई कार्यकर्ता एक साथ जुटकर पॉलीटिक्नक चौराहे तक पहुंच गई और पुलिस को इसकी भनक तक नहीं लगी।

गिरफ्तारी, खदेडऩे से बचती रही पुलिस

मंगलवार दोपहर करीब दो बजे महिला कार्यकर्ता गिरफ्तारी देने को तैयार हो गईं, लेकिन पुलिस ने गिरफ्तारी करने से मना कर दिया। वरिष्ठ अफसरों से निर्देश थे कि उन्हें न गिरफ्तार करना है, न ही बल प्रयोग करना है। उन्हें सिर्फ सीएम हाउस जाने से रोके रखना है।