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ऑटोनोमस से दूर करेंगे मेडिकल कॉलेजों में प्राध्यापकों की कमी

अंडरटेकिंग देकर प्रमोशन लेने वालों के लिए खुलेगा रास्ता। यहां भर्ती में दिक्कतें न आए इसके लिए यह रास्ता निकाला है। चिकित्सा शिक्षा विभाग के इस कदम से पदोन्नति का रास्ता भी खुल जाएगा।

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सागर। प्रोफेसर, असिस्टेंट प्रोफेसर और एसोसिएट प्रोफेसरों की कमी झेल रहे प्रदेश के चिकित्सा शिक्षा विभाग ने इससे लडऩे का हल खोज लिया है। चिकित्सा शिक्षा विभाग इन सभी पदों की पूर्ति करने के लिए ऑटोनोमस बॉडी के तहत नियुक्ति पाने वालों का तबादला कर सकेगा।

6 नए मेडिकल कॉलेज
सोमवार को इस संबंध में सरकार ने भोपाल से सागर एक तबादला भी कर दिया है। यह बात चिकित्सा शिक्षा विभाग के संचालक डॉ. जीएस पटेल ने पत्रिका से चर्चा में कही। उन्होंने कहा दरअसल प्रदेश में 6 नए मेडिकल कॉलेज खोले जाना है और सागर व रीवा पहले से ही चिकित्सकीय शिक्षकों की कमी से जूझ रहे हैं।

डॉक्टरों को मिलेगी रहत
यहां भर्ती में दिक्कतें न आए इसके लिए यह रास्ता निकाला है। चिकित्सा शिक्षा विभाग के इस कदम से पदोन्नति का रास्ता भी खुल जाएगा। कई असिस्टेंट प्रोफेसर और एसोसिएट प्रोफेसरों ऐसे हैं, जो अपने गृह जिले में जाना चाहते हैं, उनकी राह भी आसान होगी। हालांकि डॉ. पटेल का मानना है कि यह काम कम चुनौतीपूर्ण नहीं है। लेकिन चिकित्सा शिक्षा विभाग और सरकार इसके लिए तटस्थ है। इसमें किसी भी संगठन अथवा व्यक्ति के दबाव में काम नहीं किया जाएगा।

इनका कहना है...
हमें प्रदेश में चिकित्सा शिक्षा विभाग की स्थिति को सुधारना है। सरकार इसके लिए लगातार कोशिश कर रही है। ऑटोनोमस बॉडी के तहत नियुक्ति पाने वालों को पदोन्नत करके जरुरत वाले कॉलेजों में भेजने से यह कमी काफी हद तक पूरी होगी। इसमें अंडरटेकिंग ली जाएगी, इसके बाद भी नहीं जाएंगे तो उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
- डॉ. जीएस पटेल, डीएमई।

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