यहां भर्ती में दिक्कतें न आए इसके लिए यह रास्ता निकाला है। चिकित्सा शिक्षा विभाग के इस कदम से पदोन्नति का रास्ता भी खुल जाएगा। कई असिस्टेंट प्रोफेसर और एसोसिएट प्रोफेसरों ऐसे हैं, जो अपने गृह जिले में जाना चाहते हैं, उनकी राह भी आसान होगी। हालांकि डॉ. पटेल का मानना है कि यह काम कम चुनौतीपूर्ण नहीं है। लेकिन चिकित्सा शिक्षा विभाग और सरकार इसके लिए तटस्थ है। इसमें किसी भी संगठन अथवा व्यक्ति के दबाव में काम नहीं किया जाएगा।