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बड़ा तालाब गहरीकरण,  12 दिन में बाहर निकाली 4000 ट्रक मिट्टी

बड़ा तालाब गहरीकरण अभियान के 12 दिन में 4000 ट्रक मिट्टी निकाली गई है।

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भोपाल

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Umesh yadav

Apr 28, 2018

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भोपाल. बड़ा तालाब गहरीकरण अभियान के 12 दिन में 4000 ट्रक मिट्टी निकाली गई है। निगम प्रशासन का दावा है कि ये मिट्टी शहर के पार्कों और निजी लोगों ने जरूरत के हिसाब से ली है। शुक्रवार को भी गहरीकरण जारी रहा। यहां गीतांजलि गल्र्स कॉलेज, नारायणश्री होम्योपैथी मेडिकल कॉलेज, कोपल हायर सेकण्ड्री स्कूल, शासकीय हायर सेकण्ड्री स्कूल कोहेफिजा, शासकीय नवीन उच्चतर माध्यमिक विद्यालय, चूना भट्टी के विद्यार्थियों व प्राचार्य और प्राध्यापकगण ने श्रमदान किया। इनके साथ ही कमल सखी महिला मंडल, ओम साईं दरबार सेवा समिति के पदाधिकारियों तथा नगर निगम की केन्द्रीय कर्मशाला के अधिकारियों, कर्मचारियों ने श्रमदान किया।

हर वर्ग को आगे आना होगा: महापौर
महापौर आलोक शर्मा ने कहा कि इस अभियान में शहर के डॉक्टर, इंजीनियर, व्यापारी, पत्रकार, शिक्षाविद, विभिन्न संस्थाओं के पदाधिकारी, मंत्री, विधायक, महापौर परिषद के सदस्य, पार्षदगण सभी श्रमदान कर रहे है। शर्मा ने यहां स्कूली बच्चों को संबोधित करते हुए कहा कि तालाब के गहरीकरण के बाद यहां नया बोट क्लब विकसित करने की बात कही। अभियान से प्रभावित होकर विभिन्न संस्थाओं और संगठनों के आगे आने का सिलसिला लगातार जारी है। इसी सिलसिले में दिगंबर जैन लेकसिटी ग्रुप अध्यक्ष सुनील जैन छावड़ा ने बताया कि उनके क्लब के सभी दंपत्ति रविवार को तालाब पर श्रमदान करने जाएंगे।

एप्को ने दिए एक करोड़, लेकिन कहां खर्च किए भूला प्रशासन

शहर की झीलों के संरक्षण के लिए एनवॉयरमेंट प्लानिंग एवं कोऑर्डीनेशन आर्गनाइजेशन (एप्को) ने पांच साल पहले एक करोड़ से अधिक राशि जारी की थी, लेकिन इस राशि से क्या काम हुए इसकी जानकारी पांच साल बाद भी जिला प्रशासन और सीपीए ने एप्को को नहीं दी। एप्को ने इस मामले में कलेक्टर और मुख्य अभियंता सीपीए से कार्यों की प्रगति का ब्यौरा मांगा है। इसके लिए भी 9 बार रिमाइंडर भेजे जा चुके हैं, लेकिन कोई जवाब देने को तैयार नहीं है। एप्को से जारी पत्र में बताया गया है कि झील संरक्षण मद के तहत भोपाल शहर की विभिन्न झीलों के संरक्षण के लिए वर्ष 2013 में 1 करोड़ रुपए की राशि जारी की गई थी। सीपीए को वर्ष 2004 में चार इमली तालाब शुद्धिकरण के लिए 3 लाख 32 हजार रुपए की राशि दी गई थी। लेकिन सालों बाद भी योजना राशि का उपयोगिता प्रमाणपत्र, भौतिक प्रगति का प्रतिवेदन, और फोटो आदि नहीं दिए गए, जबकि एप्को इसके लिए 9 बार रिमाइंडर भेज चुका है।