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Splendor पर MLA का स्टीकर और 350 किमी. का सफर तय कर विधानसभा पहुंचे विधायक जी

12 लाख का कर्ज लेकर चुनाव लड़ा मजदूर का बेटा बना विधायक

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विधायक जी का जलवा आपने कई बार देखा होगा, विधायक जी जहां भी जाते हैं समर्थकों की भीड़ लगी रहती है। काफिले में 5-6 चमचमाती गाड़ियां न हो तो मानो विधायक जी का रेरा ही नहीं जमता है। लेकिन मध्यप्रदेश के एक विधायक ऐसे हैं जिनका अंदाज देखकर विधानसभा के कर्मचारी और सुरक्षाकर्मी भी हैरान रह गए। जिन विधायक की बात हम कर रहे हैं उनका नाम कमलेश्वर डोडियार है। झोपड़ी में रहने वाले कमलेश्वर डोडिया की विधायक बनने की कहानी किसी फिल्मी स्टोरी से कम नहीं है तो चलिए आपको बताते हैं...

Splendor पर MLA का स्टीकर और 350 किमी. का सफर
Splendor पर MLA का स्टीकर और 350 किमी. का सफर कर जब सैलाना विधायक कमलेश्वर डोडियार भोपाल में विधानसभा पहुंचे तो हर कोई हैरान रह गया। वहां हर विधायक का अपना अलग जलवा था लेकिन पैरों में चप्पल पहने और बाइक से आए डोडियार को देखना अपने आप में अलग था। बता दें कि कमलेश्वर डोडियार रतलाम जिले की सैलाना सीट से भारत आदिवासी पार्टी से चुनाव लड़कर विधायक बने हैं।

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किसी फिल्म से कम नहीं है विधायक बनने का सफर
मजदूर माता-पिता के घर जन्मे कमलेश्वर डोडियार का झोपड़ी से लेकर विधानसभा तक का सफर किसी फिल्मी स्टोरी से कम नहीं है। 33 साल के कमलेश्वर के माता-पिता मजदूर हैं। सैलाना में एक झोपड़ी में उनका परिवार रहता है। यहीं पर कमलेश्वर का बचपन बीता। विधायक का चुनाव लड़ने के लिए पैसों की जरूरत होती है लेकिन कमलेश्वर के पास पैसा नहीं था लिहाजा उन्होंने 12 लाख रुपए का कर्ज लिया और चुनाव प्रचार के दौरान वो अपना क्यूआरकोड लेकर चलते थे जिससे लोग उनकी मदद कर सकें। वो भारत आदिवासी पार्टी के बैनर तले चुनाव में उतरे और कांग्रेस उम्मीदवार हर्ष विजय गहलोत को 4618 वोट से मात दी। कमलेश्वर को 71,219 वोट मिले और हर्ष विजय को 66,601 वोट। भाजपा की संगीता चारेल तीसरे स्थान पर रहीं।

नामांकन से 7 दिन पहले जेल से छूटे थे
कमलेश्वर डोडियार ने साल 2018 में भी सैलाना से चुनाव लड़ा था तब उन्हें 18 हजार वोट मिले थे। लेकिन उन्होंने हिम्मत नहीं हारी। वे लगातार अपने इलाके में सक्रिय रहे। साल 2022 में उन पर रतलाम के थाने में एक युवती ने दुष्कर्म का केस भी दर्ज कराया था जिस कारण उन्हें जेल जाना पड़ा और 6 महीने पूर्व ही वो जेल से बाहर आए थे। जिस लड़की ने उन पर रेप केस दर्ज कराया था उससे उनकी सगाई तय हुई थी लेकिन राजनीतिक कारणों से युवती के परिजन विवाह नहीं करना चाहते थे। इसके बाद विवाद हो गया और युवती ने केस दर्ज करा दिया था। नामांकन प्रक्रिया के सात दिन पहले ही कमलेश जेल से जमानत पर छूटे थे।

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