
Bhind datia lok sabha seat: मध्यप्रदेश में कांग्रेस छोड़ भाजपा ज्वाइन करने का सिलसिला जारी है। भिंड-दतिया लोकसभा सीट से कांग्रेस प्रत्याशी रह चुके देवाशीष जरारिया (Devashish Jarariya) ने कांग्रेस पार्टी से इस्तीफा दे दिया। इसके पीछे यह वजह बताई जा रही है कि भांडेर विधायक फूल सिंह बरैया को कांग्रेस ने अपना प्रत्याशी बना दिया। इसी के कारण देवाशीष खफा चल रहे थे। देवाशीष जरारिया ने इस संबंध में कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे (mallikarjun kharge) को पत्र लिखकर अपनी नाराजगी बता दी है। जरारिया ने अपने इस्तीफे की एक प्रति प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी (jitu patwari) को भी भेजी है।
कांग्रेस के पूर्व प्रवक्ता एवं भिंड-दतिया से लोकसभा में प्रत्याशी रह चुके देवाशीष जरारिया ने मल्लिकार्जुन खड़गे को बुधवार को इस्तीफा दे दिया। कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़के को संबोधित इस्तीफा में जरारिया ने कहा है कि गहन विचार विमर्श और पार्टी द्वारा हाशिए पर धकेले जाने के बाद लगता है कि समय कठोर निर्णय लेने का है। 2019 में पार्टी ने मुझे भिंड-दतिया लोकसभा से उम्मीदवार बनाया था। हारने के बाद कोई उम्मीदवार क्षेत्र में वापस लौटकर नहीं जाता, लेकिन पार्टी को मजबूत करने की लगन थी, तो खुद को पूरी तरह झोंक दिया। निम्न मध्यम वर्गीय परिवार से आने के बाद भी आर्थिक चुनौतियों का सामना करते हुए संघर्ष जारी रखा।
जरारिया ने पत्र में इस बात का भी उल्लेख किया है कि प्रदेश के वरिष्ठ नेतृत्व ने कहा था कि अगले लोकसभा की तैयारी करो, तुम्हें फिर मौका देंगे। पांच सालों में मध्यप्रदेश में उप चुनाव, विधानसभा चुनाव हुए, सभी में कहा कि तुम लोकसभा उम्मीदवार हो, तुम्हें लोकसभा लड़ना है, मैंने कोई टिकट नहीं मांगा। पांच साल जब क्षेत्र में संघर्ष की बात थी तो कोई नहीं था, लेकिन जैसे ही वर्तमान लोकसभा चुनाव आए तो मेरा टिकट काट दिया गया। इस बारे में संगठन के बड़े नेताओं ने कोई बात नहीं की और न ही प्रत्याशी ने। क्षेत्र के कार्यक्रमों में भी नहीं बुलाया जा रहा है। ऐसा लगता है कि कांग्रेस में नेताओं ने मेरी राजनैतिक हत्या की जिम्मेदारी ले रखी है और दूध में पड़ी मक्खी की तरह निकाल फेंक दिया है।
देवाशीष जरारिया ने कहा कि मेरा क्या कसूर था, यही कि पार्टी के लिए दिन-रात मेहनत की, ग्रुप बाजी करके कांग्रेस में ही कांग्रेस को नहीं निपटाया। कांग्रेस में जो भीतरघात करता है, उसी को सबसे ज्यादा पूछा जाता है। जो मेरे चरित्र में नहीं है। पार्टी दलितों, आदिवासियों, महिलाओं, पिछड़ों के सम्मान और हक की बात करती है, लेकिन मेरे हक पर ही डाका डाला दिया।
देवाशीष जरारिया ने पत्र में आगे कहा कि कांग्रेस की कथनी और करनी में कोई समानता नहीं है। दलित समाज केवल इस्तेमाल करने और फेंक देने के लिए है। महिलाओं की बात करें तो पूरे प्रदेश में केवल एक महिला को टिकट दिया है, ओबीसी की जातिगत जन की बात करने वाली पार्टी ने 29 सीटों में से केवल 5 सीट ओबीसी को दी है। जहां मान-सम्मान नहीं है, उस जगह को छोड़ देना ही उचित है। है।
देवाशीष जरारिया के इस्तीफे के बाद अटकलों का दौर तेज हो गया है। देवाशीष को बहुजन समाज पार्टी से टिकट दी जा सकती है। बसपा ने अभी तक भिंड-दतिया लोकसभा सीट से अपना उम्मीदवार घोषित नहीं किया है। यदि ऐसा होता है तो भिंड-दतिया में त्रिकोणीय मुकाबला देखने को मिल सकता है। क्योंकि कांग्रेस ने फूल सिंह बरैया को मैदान में उतारा है और भाजपा ने संध्या राय को अपना प्रत्याशी बनाया है।
Updated on:
17 Apr 2024 12:55 pm
Published on:
17 Apr 2024 11:48 am
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