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भिखारी मुक्त होगी राजधानी, रोजगार और घर देने की तैयारी में सरकार

MP News: राजधानी भोपाल को भिखारी मुक्त बनाने की मुहिम में अब निजी कंपनियां भी शामिल होंगी। कॉर्पोरेट सोशल रिस्पॉन्सबिलिटी (सीएसआर) के तहत भिखारियों के पुनर्विस्थापन के काम होंगे।

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Beggars Free Bhopal

Beggars Free Bhopal (फोटो सोर्स : एआई जेनरेटेड)

MP News: राजधानी भोपाल को भिखारी मुक्त बनाने की मुहिम में अब निजी कंपनियां भी शामिल होंगी। कॉर्पोरेट सोशल रिस्पॉन्सबिलिटी (सीएसआर) के तहत भिखारियों के पुनर्विस्थापन के काम होंगे। अभी करीब 22 करोड़ के काम तय भी हो चुके हैं। भोपाल में सीएसआर से सामाजिक सुधार की दिशा में नवाचार किया जा रहा है। राजधानी को भिखारी मुक्त(Beggars Free Bhopal) बनाने में सबसे बड़ी बाधा पुनर्विस्थापन की है। यहां रहने, स्वास्थ्य और रोजगार में कॉर्पोरेट कंपनियों की मदद ली जाएगी। भोपाल में अभी सीएसआर के कम ही काम हुए हैं और जो हुए हैं उनसे सरकारी विभागों के संसाधन जुटाए गए। ये पहली बार होगा, जब वास्तव में बड़े सामाजिक बदलाव पर कंपनियों को साथ लिया जा रहा है।

पहले भी प्रतिबंध : भोपाल में 3 फरवरी को भिक्षावृत्ति प्रतिबंधित की गई। जिला प्रशासन ने भारतीय न्याय संहिता की धारा 163 के तहत आदेश जारी किए थे। अब तक एनजीओ के माध्यम से चार एफआइआर दर्ज कराई जा चुकी है।

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ऐसे समझें सीएसआर का गणित

प्रदेश(Beggars Free Bhopal)में अभी 212 करोड़ रुपए के 353 प्रोजेक्ट सीएसआर से हो रहे हैं। पिछले सत्र में 87.60 करोड़ के 120 प्रोजेक्ट पर कार्य हुए। इसमें भोपाल पीछे है यहां 3.29 करोड़ रुपए के चार प्रोजेक्ट ही स्वीकृत हुए।

कॉर्पोरेट की जिम्मेदारी सीएसआर

कॉर्पोरेट सामाजिक उत्तरदायित्व के तहत कंपनी अधिनियम, 2013 के तहत काम करती हैं। मुख्य रूप से स्वच्छता, शिक्षा को बढ़ावा देना, सामाजिक और पर्यावरणीय कल्याण, प्रशिक्षण संस्थानों का निर्माण और रख-रखाव, छात्रवृत्तियां, कौशल विकास, महिला सशक्तिकरण, स्वास्थ्य सेवा आपदा राहत और पुनर्वास जैसे कई क्षेत्रों में विकास शामिल हैं।

रोजगार और घर देने की तैयारी

प्रशासन के सर्वे में 5000 भिक्षुक शहर में मिले थे। 300 का तुरंत विस्थापित करना था, लेकिन ये नहीं हो पाया। जिला प्रशासन ने इसी साल फरवरी में शहर को भिखारी मुक्त बनाने की मुहिम शुरू की। इसके अंतर्गत कोलार सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में भिक्षुक गृह बनाया गया। वहां व्यवस्था की कमी के चलते फिलहाल तो कोई भिक्षुक नहीं शिफ्ट किए जा सके। अब सीएसआर से वहां सामान्य, दिव्यांग व बीमार भिक्षुकों को स्वास्थ्य, स्वरोजगार के साथ ही आश्रय देने की पहली होगी।

भोपाल में भिक्षावृत्ति प्रतिबंधित की हुई है। ये एक दंडनीय अपराध है। हम सीएसआर समेेत अन्य सरकारी योजनाओं के माध्यम से भिक्षुओं को मुख्यधारा से जोड़ने की योजना पर काम कर रहे हैं।- कौशलेंद्र विक्रमसिंह, कलेक्टर भोपाल