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भिखारी मुक्त होगा भोपाल…अब सड़क पर नजर नहीं आएंगे भिखारी, प्रशासन ने शुरू किया सर्वे, सात दिन में होगी कार्रवाई

भोपालइंट्रो…सड़क, चौराहों, मंदिरों से लेकर बाजारों में भिखारियों से बचने की मशक्कत से मुक्ति मिलेगी। यहां बेफिक्र- निश्चिंत होकर अपना काम कर सकेंगे। जिला प्रशासन ने नजूल स्तर पर टीम बनाकर भिखारियों को चिन्हित कर शहर में भिक्षावृत्ति पर रोकथाम लगाने की कवायद शुरू की है। अगले एक सप्ताह में भिक्षारियों का सर्वे कर, भिक्षावृत्ति […]

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भोपाल
इंट्रो…
सड़क, चौराहों, मंदिरों से लेकर बाजारों में भिखारियों से बचने की मशक्कत से मुक्ति मिलेगी। यहां बेफिक्र- निश्चिंत होकर अपना काम कर सकेंगे। जिला प्रशासन ने नजूल स्तर पर टीम बनाकर भिखारियों को चिन्हित कर शहर में भिक्षावृत्ति पर रोकथाम लगाने की कवायद शुरू की है। अगले एक सप्ताह में भिक्षारियों का सर्वे कर, भिक्षावृत्ति की वजह पता करने के बाद या तो विस्थापन करने या फिर गैंग बनाकर भीख मांगने वाले समूह पर अपराधिक प्रकरण दर्ज किया जाएगा।

भिखारियों के घरों पर पहुंची प्रशासन की टीम, जांच की

  • कलेक्टर के आदेश के बाद नजूल स्तर पर तीन-तीन टीमें बनाकर भिक्षारियों को चिन्हित करने के काम पर लगाई है। गोविंदपुरा नजूल क्षेत्र में नायब तहसीलदार रामजी तिवारी व टीम उडिया बस्ती में पहुंचे और सर्वे किया। सर्वे में भिक्षावृत्ति करने वाले का नाम, रहवास, भिक्षावृत्ति स्थान, परिवार का विवरण, भिक्षावृत्ति का कारण, समय सीमा समेत आधार नंबर से लेकर अन्य दस्तावेजों की पड़ताल की जा रही है।

ये लाभ होगा

  • भिखारी के तौर पर कोई अपराधी शहर में रह रहा होगा तो पकड़ में आएगा।
  • भिखारी बनाने और कमाई करने की गैंग का खुलासा होगा।
  • मजबूरी में भिखावृत्ति को मंजूर लोगों का जीवन फिर से पटरी पर आएगा।
  • भिक्षावृत्ति रोकने गरीबों को आधार कार्ड, समग्र आइडभ् समेत आयुष्मान कार्ड और अन्य सुविधाओं से जुड़े दस्तावेज बनाए जा सकेंगे।

भिखावृत्ति से ये दिक्कत

  • शहर में आपको इस समय हर जगह भिक्षावृत्ति करते बच्चों से लेकर महिलाएं, बुजूर्ग व युवा तक दिखेंगे। चौराहें पर गाड़ी थमते ही बच्चे व महिलाएं भीख मांगने आ जाते हैं। मंदिरों से लेकर अन्य जगहों पर ऐसी ही स्थिति है। इससे कई विवाद की स्थिति बनती है। लोग परेशानी महसूस करने लगते हैं, अब उन्हें इस स्थिति से राहत मिलेगी।

एक्सपर्ट कोट्स
भिक्षावृत्ति से शहर को पूरी तरह से मुक्त किया जाना चाहिए। प्रशासनिक स्तर पर इसके लिए प्रयास किए जा रहे हैं अच्छी बात है। आमजन को भी प्रशासन को भिखारियों की जानकारी देना चाहिए। विस्थापन में कोई मदद हो सके तो करना चाहिए। प्रशासन पहले ही पांच हजार बाल भिखारियों की सूची बना चुका है। अब सभी भिखारी इसमें शामिल होंगे।

- सीपी सावलकर, रिटायर्ड टाउन प्लानर

हमने भिखारियों का सर्वे समेत उन्हें सरकारी योजनाओं से विस्थापित करने की कवायद शुरू की है। शहर को भिखारी मुक्त बनाएंगे ताकि लोगों को इनकी वजह से दिक्कत न हो, ये लोग भी बेहतर जिंदगी की तरफ जाएं।

  • कौशलेंद्र विक्रमसिंह, कलेक्टर