इस संबंध में रेलवे बोर्ड के चेयरमैन अश्विनी लोहनी ने शनिवार को सुबह यह बात डीआरएम शोभन चौधुरी व रेल मंडल के इंजीनियरिंग विभाग के प्रमुख संजीव कुमार से कहीं। इस दौरान उन्होंने भोपाल स्टेशन का कुछ ही मिनट के अंदर निरीक्षण भी किया। उन्होंने कहा कि जैसे ही नई बिल्डिंग बने और यात्रियों का वैकल्पिक इंतजाम हो, सर्कुलेटिंग एरिया के शेड को हटा देना। यह देखने में भी अच्छा नहीं लगता और इससे अंदर की तरफ अंधेरा भी होता है।
लोहनी बोले हर हाल में तय समयसीमा में पूरे हों काम…
दरअसल लोहनी अपने जबलपुर मंडल के दौरे के बाद ओवर नाइट एक्सप्रेस से भोपाल स्टेशन पर उतरे थे। इसके बाद उन्होंने सबसे ज्यादा इस बात पर जोर दिया कि भोपाल स्टेशन के लिए जो भी काम निर्धारित हुए हैं, वे समय-सीमा में पूरे किए जाएं। इन कार्यों के लिए जो समय सीमा दिसंबर-2018 तक निर्धारित की है, उसमें उन्हें पूरा किया जाए। उन्होंने कहा कि नई बिल्डिंग का काम पूरा करने के बाद उसके सामने शेड बनवाएं, उसके बाद पुराने को हटवा दें। इससे स्टेशन के भीतर की तरफ अंधेरा भी खत्म हो सकेगा।
हर कोई नहीं घुस सकेगा…
डीआरएम के अनुसार वर्तमान में गेट नंबर-2 से ऑटो रिक्शा सहित कोई भी वाहन सहित लोग अंदर पहुंच जाते हैं। इन पर रोक लगाने के लिए गेट को बंद किया जाना जरूरी हो गया है। होटलों के सामने की तरफ गेट होने के कारण भी कई शरारती तत्व भी हमेशा गेट के आसपास जमा रहते हैं। इसलिए आम यात्रियों के हिसाब से इस गेट की उपयोगिता लगभग खत्म होती जा रही है। स्टेशन के री-डेवलपमेंट प्लान के तहत नई बिल्डिंग सहित अन्य निर्माण कार्य पूरे होने पर पुराने शेड को हटाने, गेट की संख्या कम से कम करने, दोनों ओर बाउंड्रीवॉल बनाने जैसे कार्य करवाए जाएंगे।
मिली गंदगी…
लोहनी के निरीक्षण के दौरान ही टॉयलेट से लेकर वेटिंग हॉल तक में गंदगी पसरी पड़ी थी। यदि ऐसे ही हालात रहे, तो साफ-सफाई की रेटिंग में भोपाल स्टेशन एक बार फिर पिछड़ सकता है।
इधर, राजधानी सहित शताब्दी व दूरंतो में नियुक्त होंगे ट्रेन कैप्टन :—
रेलवे ने राजधानी, शताब्दी और दूरंतो श्रेणी की ट्रेनों में यात्रियों की समस्याएं दूर करने ट्रेन कैप्टन नियुक्त करने का निर्णय लिया है। इसके बाद मेल व एक्सप्रेस गाड़ियों में इनकी नियुक्ति की जाएगी।
यह कैप्टन इन ट्रेनों में मौजूद ऑन बोर्ड स्टाफ से समन्वय कर यात्रियों की कंप्लेंट का तत्काल निराकरण कर सकेंगे। जानकारी के अनुसार टिकट चैकिंग स्टाफ का जो सबसे सीनियर व्यक्ति होगा, उसे इस पद की जिम्मेदारी दी जाएगी।
दरअसल भोपाल शताब्दी में खाने-पीने संबंधी एक शिकायत हर दिन आ रही हैं। इसी तरह साफ-सफाई की हर महीने 15 शिकायतें रेलवे तक पहुंचती हैं। बताया जाता है कि ट्रेन कैप्टन की नियुक्ति ऐसी ही कई शिकायतों को दूर करने के लिए की जा रही है।